'मन की बात' कार्यक्रम, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 23 फरवरी को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दी और उन्हें परीक्षा में तनाव मुक्त रहते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अच्छा प्रदर्शन करने की अपील की। उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में कहा, “यह बोर्ड परीक्षाओं का समय है, और मैं सभी छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं। परीक्षा के दौरान खुश रहें, बिना किसी दबाव के पेपर दें।”
उन्होंने यह भी बताया कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के तहत इस बार छात्रों के लिए एक नया प्रारूप पेश किया गया है, जिसमें आठ विशेषज्ञ एपिसोड शामिल हैं। इस साल के कार्यक्रम में परीक्षा की तैयारी, मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल जैसे विषयों पर चर्चा की गई है। साथ ही, पिछले टॉपर्स ने भी अपने अनुभव साझा किए।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे खुश और तनाव मुक्त रहें ताकि वे अपने ज्ञान का सही इस्तेमाल कर सकें। इसके साथ ही, उन्होंने वन्यजीव संरक्षण पर भी जोर दिया और कहा कि भारत में जीवों और वनस्पतियों का एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र है। उन्होंने बताया कि कई जंगली जानवर भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, और कई स्थानों पर ये जानवर देवताओं के वाहन माने जाते हैं। उदाहरण स्वरूप, मध्य भारत के आदिवासी समुदाय बाघेशुर की पूजा करते हैं, जबकि महाराष्ट्र में ‘वाघोबा’ की पूजा की जाती है।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कर्नाटक के बीआरटी टाइगर रिजर्व का उल्लेख किया, जहां बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, और इसके लिए उन्होंने वहां की सोलिगा जनजातियों को श्रेय दिया। इन जनजातियों की वजह से इस क्षेत्र में बाघों और मनुष्यों के बीच संघर्ष कम हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि गुजरात के गिर क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने एशियाई शेरों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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उन्होंने भारत की अद्वितीय वन्यजीव विविधता की सराहना करते हुए कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में बाघों, तेंदुओं, शेरों और गैंडों की आबादी में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की “द डियर वुमन” के बारे में भी बताया, जो पिछले तीन दशकों से हिरणों और मोरों की रक्षा कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने अंत में देशवासियों से आग्रह किया कि वे वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वालों का समर्थन करें और उनकी सराहना करें।