मणिपुर सार्वजनिक परिवहन सेवा (सोर्स: सोशल मीडिया)
मणिपुर: साल भर से अधिक समय से जारी मणिपुर में हिंसा के कारण प्रभावित सार्वजनिक परिवहन सेवा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है। मणिपुर सरकार ने राज्य में जातीय हिंसा में कमी के बीच यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अंतर-जिला सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को इस माध्यम से सुचारू करने का प्रयास सरकार कर रही है। बता दें कि राज्य प्रशासन द्वारा 19 महीनों में सार्वजनिक परिवहन सेवा को फिर से शुरू करने का पहला प्रयास विफल रहा है।
राज्य में बुधवार से इंफाल से पहाड़ी जिलों तक कड़ी सुरक्षा के साथ अंतर-जिला सार्वजनिक वाहनों का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा । एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है। यहां इंफाल घाटी स्थित मैतेई समुदाय तथा पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़पे होती रही हैं।
मुख्य सचिव विनीत जोशी ने एक आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने सुरक्षा बलों की उपलब्धता, प्रतिक्रिया प्रणाली और विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के साथ राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और पर्याप्त सुरक्षा तैनाती के साथ सार्वजनिक वाहनों का आवागमन फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
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राज्य की राजधानी इंफाल से कांगपोकपी होते हुए सेनापति तक और इंफाल से बिष्णुपुर होते हुए चुराचांदपुर तक बुधवार से सार्वजनिक वाहनों का आवागमन शुरू होगा। सेनापति नगा-बहुल क्षेत्र है, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में कुकी-जो समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है और इंफाल तथा बिष्णुपुर मेइती बहुल क्षेत्र हैं। आदेश में कहा गया है, आवागमन केवल निश्चित समय तक ही सीमित रहेगा तथा इस मार्ग से जुड़ने के इच्छुक आम नागरिकों को सूचित किया जाता है कि वे संबंधित उपायुक्तों के कार्यालयों से संपर्क करें।
पिछले साल मई में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आई हैं और तब से अब तक कम से कम 258 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। हिंसा के दौरान इंफाल घाटी और पहाड़ी जिलों के बीच सार्वजनिक बस सेवाएं भी बंद हो गईं। अब देखना होगा सरकार के इस निर्णय से सार्वजनिक परिवहन सेवा पूरी तरह बहाल होती है या एक बार फिर लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)