कर्नाटक में फर्जी सरकारी नौकरी घोटाला (सांकेतिक फोटो)
बेंगलूरु: कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, जहां जालसाजों ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपये ठग लिए। पुलिस ने इस संगठित रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला तब सामने आया जब उपायुक्त (डीसी) कार्यालय ने सोशल मीडिया पर फर्जी नियुक्ति पत्रों के प्रसार की शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पाया गया कि जालसाज पिछले छह महीनों से बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल रहे थे। इस घोटाले के तहत 11 लोगों से कुल 14.55 लाख रुपये ठगे गए।
पुलिस अधीक्षक ए श्रीनिवासुलु ने बताया कि मामला साइबर, आर्थिक और नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसके बाद दो विशेष पुलिस टीमें बनाई गईं, जिन्होंने पुणे तक आरोपियों का पीछा किया, लेकिन वे वहां से भागने में सफल रहे। हालांकि, पुलिस ने लगातार प्रयास जारी रखते हुए सोलापुर में उन्हें पकड़ लिया और पूछताछ के लिए कलबुर्गी ले आई।
पुलिस ने इस घोटाले से जुड़े सात बैंक खातों की पहचान की है और कई सबूत बरामद किए हैं, जिनमें दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, 47,000 रुपये नकद और कई फर्जी नियुक्ति पत्र शामिल हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला कि यह गिरोह नौकरी चाहने वालों को सरकार की ओर से नियुक्त किए जाने का झांसा देकर उनसे बड़ी रकम ऐंठता था। फिलहाल जांच जारी है, और आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और नाम सामने आने की उम्मीद है। जांच में कई फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए, जिनका इस्तेमाल नौकरी चाहने वालों को धोखा देने के लिए किया गया था। आरोपियों ने न केवल पीड़ितों से पैसे लिए, बल्कि उन्हें धमकाया भी, यह चेतावनी देते हुए कि अगर उन्होंने पुलिस में शिकायत की, तो उन्हें झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा।
जांच अधिकारियों का मानना है कि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस उन बैंक खातों की गहन जांच कर रही है, जिनका उपयोग ठगी गई रकम को स्थानांतरित करने के लिए किया गया था। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इस नेटवर्क के तार कहीं अन्य राज्यों से तो नहीं जुड़े हैं।
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पुलिस का कहना है कि ठगे गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिन लोगों से पैसे वसूले गए हैं, उन्हें वापस दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वहीं, प्रशासन भी जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है ताकि लोग ऐसे धोखाधड़ी वाले जाल में न फंसें।