(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: जहां एक तरफ झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने की अटकलें तेज हैं। वहीं कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन से बगावत कर चंपई भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। खबर तो यह भी है कि वे आज यानी 18 अगस्त रविवार को दिल्ली के लिए निकल चुके हैं और उनके साथ 22 विधायक भी आ रहे हैं।
जानकारी दें कि बीते शुक्रवार को चंपई के एक सांकेतिक बयान ने इन चर्चाओं को और बल दिया। जब पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में चंपई ने कहा कि अभी इंतजार कीजिए, मुझमें अभी राजनीति बाकी है। चंपई सोरेन इसी साल की शुरुआत में झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, एक खास राजनीतिक उलटफेर में 5 महीने के भीतर ही उनकी कुर्सी चली गई।
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बीते शनिवार को ही चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम के BJP में जाने की बात चल रही थी। वहीं अब लोबिन हेम्ब्रम और चंपई सोरेन के बीच अहम मुलाकात भी हो गयी है। अब ऐसे में लोबिन हेम्ब्रम और चंपई सोरेन की इस मुलाकात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोबिन हेम्ब्रम को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। ऐसे में लोबिन हेम्ब्रम ने BJP में शामिल होने की चर्चाओं पर अब हामी भी भर दी है। वहीं बीजेपी में जाने को लेकर हामी भरने के बाद कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
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इधर मुलाकात के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि BJP में जाने की खबरों पर कोई बात नहीं हुई है। यह मुलाकात ऐसे ही औपचारिक थी। लेकिन BJP में जाने की खबरों को चम्पई सोरेंन सिरे से नकार भी नही रहे हैं। वहीं मुलाकात के बाद लोबिन हेम्ब्रम तबीयत खराब होने का हवाला देकर कुछ भी कहने से मना कर चुके हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले अगर चंपई सोरेन BJP में शामिल होते हैं तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा नुकसान होगा, जबकि BJP को कोल्हान में काफी मजबूती मिल जाएगी। चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता हैं। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के काफी करीबी हैं और भरोसेमंद हैं। कोल्हान में इनकी काफी पकड़ है। यही वजह है कि BJP हर हाल उन्हे साथ लेना चाहेगी। कोल्हान टाइगर के आने से कोल्हान में BJP की आसानी ले एंट्री हो जाएगी और वह कोल्हान में काफी मजबूत हो सकती है। आदिवासी सेंटीमेंट का राजनीतिक फायदा मिलेगा सो अलग। वहीं CM हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलने वाला BJP को एक मजबूत आदिवासी नेता मिलेगा।