जयराम रमेश (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक को “संविधान पर सीधा हमला” करार दिया। उन्होंने विधेयक के क्रियान्वयन का विरोध करने की कसम खाई और मांग की कि एनडीए के सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यूनाइटेड) इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।
जयराम रमेश ने एएनआई से कहा, “वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान पर सीधा हमला है और इसकी नींव के खिलाफ है। इसे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के जरिए जबरन थोपा गया है। अगर वे इसे लागू करते हैं, तो हम लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे।”
उन्होंने कहा कि इसका हर विपक्षी दल विरोध कर रहा है। समाजवादी पार्टी, टीएमसी, आप, हर कोई इसके विरोध मे है, लेकिन सवाल यह है कि जेडी(यू) और टीडीपी जैसी पार्टियां क्या करती हैं? जो पार्टियां खुद को धर्मनिरपेक्ष कहती हैं, जो कहती हैं कि वे इसमें विश्वास करती हैं, उनका इस पर क्या रुख है? कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के जरिए जबरन थोपा गया। उन्होंने कहा कि समिति में प्रत्येक खंड पर गहन चर्चा नहीं की गई।
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रमेश ने आगे कहा कि जिस तरह से जेपीसी का संचालन किया गया, यह पहली बार था कि समिति में खंड-दर-खंड चर्चा नहीं हुई। जब इसे संदर्भित किया जाता है तो प्रत्येक खंड पर बहस होती है। यहां तक कि मैं कई जेपीसी का हिस्सा रहा हूं, हम आम सहमति तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम असहमति नोट देते हैं, लेकिन हम पूर्ण सहमति या एक साधारण आम सहमति तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। उन्होंने दावा किया कि संसद को 450 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए केवल दो दिन दिए गए थे। इसके बाद भी खंड-दर-खंड चर्चा नहीं की गई। यह संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं के खिलाफ है, यह संविधान पर भी हमला है।