
इंडिगो एयरलाइट।
IndiGo Flight Latest News: इंडिगो की फ्लाइटों के परिचालन में रुकावट छठे दिन भी जारी है। सोमवार को हवाई अड्डों पर 4350 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। दिल्ली एयरपोर्ट पर आज 134 फ्लाइट रद्द की गईं। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 127 उड़ानें रद्द हुईं। अहमदाबाद में 20 और विशाखापत्तनम में 7 उड़ानें रद्द रहीं। मुंबई और कोलकाता समेत अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर भी भारी अव्यवस्था दिखी। सुबह 9:30 बजे तक कुल 289 रद्द उड़ानों की पुष्टि हो चुकी थी।
एयरलाइन को उम्मीद है कि 10 दिसंबर तक ऑपरेशन ठीक होगा। मौजूदा संकट से बहुत परेशानी हुई है। फ्लाइट कैंसल होने, फ्लाइट में देरी और दूसरी बड़ी ऑपरेशनल दिक्कतों के कारण बड़े शहरों में कई पैसेंजर एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। वैसे, एयरलाइन ने दिन के आखिर तक 1,650 से ज़्यादा फ्लाइट ऑपरेट करने का प्लान बताया है और भरोसा दिलाया है कि रिफंड पूरी तरह से प्रोसेस किया जा रहा है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा, इंडिगो की फ्लाइट में रुकावट के बाद 610 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस किया जा चुका है।
कई शहरों में फ्लाइट कैंसिल। इंडिगो ने रविवार को 650 फ्लाइट कैंसिल कर दीं। 7 दिसंबर को 2,300 डेली फ्लाइट में से 1,650 फ्लाइट ऑपरेट किया। रुकावट लगातार छठा दिन भी जारी रहा। दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर 220 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल कर दी गईं, जबकि ऑपरेशन को ठीक करने की कोशिशें जारी रहीं। मौजूदा संकट की वजह से हाल में सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसल और लेट हुई हैं, जिससे पैसेंजर्स को काफी मुश्किल हुई है। रविवार को मुंबई एयरपोर्ट पर 112 और दिल्ली एयरपोर्ट पर 109 फ्लाइट्स कैंसल हुईं। यह एयरलाइन के लिए कुछ मुश्किल दिनों के बाद हुआ है। शुक्रवार को 2,300 डेली फ्लाइट्स में से 1,600 कैंसिल करने के बाद शनिवार को दिक्कतें थोड़ी कम हुईं और कैंसलेशन की संख्या घटकर 800 रह गई।
यह भी पढ़ें: IndiGo संकट पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, CJI बोले- सरकार ने पहले ही इसे गंभीरता से लिया
इंडिगो की हजारों उड़ानें रद्द होने से मचे हाहाकार के बीच मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और इंडिगो एयरलाइंस को निर्देश देने की मांग की गई है कि संकट से प्रभावित यात्रियों को तत्काल सहायता, पूरा रिफंड और उचित मुआवजा दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि यात्रियों को हुई असुविधा, आर्थिक नुकसान और मानसिक परेशानी के लिए जिम्मेदार पक्षों पर सख्त कार्रवाई हो। दिल्ली हाईकोर्ट इस पर 10 दिसंबर को सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, उसके लिए स्थायी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।






