
भारत की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाएं (सौजन्य सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को ट्रेन में सफर कराने के लिए पूरे किराए लिए जाते हैं। हालांकि जब सुरक्षा की बात आती है। तो हमारा कवच सिस्टम फेल हो जाता है। भारत के इतिहास में ऐसी कई रेल दुर्घटनाएं दर्ज हो चुकी है जिसे याद कर लोगों की रुह आज भी कांप जाती है।
पिछले साल ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में 300 लोगों की जान चली गई थी। वहीं इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी उतरने की वजह से 146 लोग मारे गए थें। अगर में थोड़े और पहले के समय में जाए तो 1999 में गैसल में हुई रेल दर्घटना में 285 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 1981 की रेल दुर्घटना देश की सबसे भयानक दुर्घटनाओं में दर्ज है।
6 जून 1981 को घटी इस रेल दुर्घटना को लोग कभी नहीं भूल सकते। इस घटना के दौरान ट्रेन में खचाखच लोगों की भीड़ थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेन में 800 लोग सवार थें। यह ट्रेन बिहार के खगड़िया से सहरसा जाने वाली एकलौती ट्रेन थी। जिसके वजह से लोग घर पहुंचने की जल्दी में ट्रेन के छत पर भी बैठे थें। तभी अचानक बारिश होने लगी और बागमती नदी के उपर से गुजर रही ट्रेन एकाएक नदी में गिर गई। इस घटना में ट्रेन पर सवार सभी लोगों की मौत हो गई। किसी एक की भी जान नहीं बचाई जा सकी।
इससे पहले भी 23 नवंबर 1956 को बाढ़ के कारण पुल के गिर जाने से एक ट्रेन मरुदयार नदी में गिर गई। जिसमें 154 लोगों की मृत्यु हो गई थी। वहीं 115 लोग घायल हो गए थे। ऐसी ही एक और घटना 28 सितंबर 1954 को घटी थी। जिसमें मद्रास और नई दिल्ली की ओर जा रही एक ट्रेन पुल के ढहने से पटरी पर उतर गई। जिसमें 137 लोग मारे जाने की ख़बर थी। वहीं 100 घायल हो गए। बता दें कि 2002 में कलकत्ता से नई दिल्ली जा रही आलीशान राजधानी एक्सप्रेस उफनती धाबी नदी में गिर गई थी। जिसमें लगभग 120 लोग मारे गए थे।
पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी, अब तक 15 मरे, 60 घायल
20 अगस्त 1995 को फिरोजाबाद में दो ट्रेनों के बीच हुई टक्कर में 300 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं लगभग 400 लोगों के घायल होने की ख़बर थी। 2 अगस्त 1999 को पश्चिम बंगाल के गैसल में दो रेलगाड़ियों के बीच टक्कर हो गई थी। जिसमें लगभग 300 लोगों मारे गए। वहीं 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
वहीं पिछले साल 2023 में हुई ट्रिपल टक्कर में 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। वहीं एक हजार लोगों के घायल होने की ख़बर थी। इस घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस ने बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को टक्कर मारने के बाद बालासोर में एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी थी।
कई रेल दुर्घटनाए ट्रेन के पटरी से उतर जाने की वजह से भी हुई है। जिसमें इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन घटना शामिल है। इस घटना में 146 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 28 मई 2010 को एक रेलगाड़ी पटरी से उतर गई। जिसके बाद बंगाल में कोलकाता से लगभग 83 मील पश्चिम में एक मालगाड़ी से टकरा गई। जिसमें 146 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा घायल हो गए थे। ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना में 1998 में हुआ पंजाब में सियालदाह एक्सप्रेस रेल दुर्घटना भी शामिल है। जिसमें लगभग 210 लोग मारे गए थे।
इसके अलावा 11 जुलाई 2006 को मुंबई रेलगाड़ियों में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों में 186 लोग मारे गए थे। वहीं 700 घायल हो गए। इस दुर्घटना का दोषी भारत ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और लश्कर-ए-तैयबा को ठहराया था।






