
ट्रेप में ,खाना। इमेज-एआई
Train Food Quality: ट्रेन के खाने की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं। इसे देखते हुए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) ने इस सिस्टम को पूरी तरह बदलने में जुटा है। रेलवे ने फूड प्रीपरेशन और फूड सर्विसिंग को अलग कर दिया है। मील्स बनाने का काम अब प्रोफेशनल F&B ऑपरेटर्स को सौंपा जा रहा है। मतलब यात्रियों को ट्रेन में वही ताजा और हाइजीनिक खाना मिलेगा, जो आमतौर पर एयरलाइन या बड़े रेस्टोरेंट में मिलता है।
इसका ट्रायल वंदे भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनों में शुरू है। कई रूट्स पर हल्दीराम, कैसिनो एयर कैटरर्स एंड फ्लाइट सर्विसेज, सफल फूडिज, वैष्णो देवी सरोवर पोर्टिको और ISKCON जैसे ऑपरेटरो खाना परोस रहे हैं। यात्रियों का फीडबैक पॉजिटिव आया है। IRCTC इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की तैयारी में है।
लोकल फ्लेवर से हाइजीन तक
IRCTC पहले प्रीपरेशन और सर्विस खुद मैनेज करता था या वेंडरों के जरिए कराता था, लेकिन यहां क्वालिटी और हाइजीन को लेकर शिकायतें आती थीं। अब मॉडल पूरी तरह अलग हो गया है। इसमें खाना वही बनाता है, जो इस इंडस्ट्री का एक्सपर्ट हो। इससे ट्रेनों में लोकल फ्लेवर से लेकर ब्रांडेड हाइजीन तक, सब कुछ बेहतर हो रहा है।
नागपुर से सिकंदराबाद वाली वंदे भारत में हल्दीराम और एलियर मील्स मैनेज कर रहे। कासरगोड से तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु से तिरुवनंतपुरम वाली ट्रेनों के लिए CAFS खाना बना रहा है। अहमदाबाद-वेरावल में सीएएफएस गांधीनगर किचन और सफल फूडिज राजकोट सर्विस दे रहे हैं। कटरा से श्रीनगर जाने वाली दोनों वंदे भारत ट्रेन में वैष्णो देवी सरोवर पोर्टिको कैटरिंग कर रहा है।
दिल्ली से सीतामढी वाली अमृत भारत में टच स्टोन फाउंडेशन खाना दे रहा। बापुधाम मोतिहारी से आनंद विहार वाली ट्रेन में ISKCON यात्रियों को मील्स सर्व कर रहा है।
हर रूट के हिसाब से लोकल फ्लेवर जोड़ा गया है। दक्षिण भारत की ट्रेनों में लोकल करी और स्नैक्स, उत्तर भारत में स्पेशल थाली और मिलेट बेस्ड ऑप्शन। कुछ ट्रेनें रीजनल ब्रांड्स के पैक्ड मील्स भी दे रही हैं। यही IRCTC का नया फॉर्मूला है। हर रूट का खाना उस क्षेत्र के टेस्ट के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। इससे यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा।
यह भी पढ़ें: अब चुटकियों में बुक होगा तत्काल टिकट, बस IRCTC अकाउंट में करें ये 2 सेटिंग्स
IRCTC ट्रायल के फीडबैक का एनालिसिस कर रहा है। सबकुछ प्लान के हिसाब से चला तो इस मॉडल को शताब्दी, राजधानी और अन्य प्रीमियम ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा। सरकार का लक्ष् है कि ट्रेन में मिलने वाला खाना एयरलाइन स्टैंडर्ड जैसा हो और यात्री बिना चिंता के खाना खा सकें।






