बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (सौजन्य सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंची बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच शनिवार को वार्ता हुई। मोदी और हसीना के बीच हुई वार्ता के प्रमुख परिणामों में तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए एक बड़ी परियोजना के वास्ते भारत द्वारा एक तकनीकी दल को शीघ्र ही बांग्लादेश भेजना, एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ना और रक्षा संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है।
दोनों पक्षों ने डिजिटल क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र, समुद्री अर्थव्यवस्था, रेलवे, अंतरिक्ष, हरित प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने दो विश्वसनीय पड़ोसियों के बीच कई नए क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सहयोग के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण पर भी सहमति जताई। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता का मुख्य जोर डिजिटल और ऊर्जा संपर्क में भारत-बांग्लादेश सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना था। साथ ही दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच सीमाओं के शांतिपूर्ण प्रबंधन की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए लोगों के बीच आपसी संपर्क को दोनों देशों के बीच संबंधों का आधार बताया और कहा कि बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आने वाले लोगों के लिए भारत ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेगा। भारत ने रंगपुर में एक नया सहायक उच्चायोग खोलने का भी फैसला किया है। वार्ता में मोदी और हसीना ने रक्षा उत्पादन और बांग्लादेशी सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया तथा आतंकवाद एवं कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे के साथ-साथ म्यांमार की स्थिति और बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) समूह के ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बातचीत हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन पर, एक तकनीकी दल जल्द ही बातचीत के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगा। इस बड़ी परियोजना का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि चीन ने भी परोक्ष तौर पर इसमें रुचि दिखाई है। इस परियोजना के तहत तीस्ता नदी के पानी के प्रबंधन और संरक्षण के लिए बड़े जलाशय और संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की परिकल्पना की गई है। परियोजना पर यह कदम दोनों देशों के बीच तीस्ता जल बंटवारे पर एक समझौता होने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव के बीच उठाया गया है। बता दें कि इस समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तियों के कारण इसे अंतिम समय में स्थगित कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार है और भारत उसके साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमारी पड़ोसी प्रथम नीति, एक्ट ईस्ट नीति, दृष्टि सागर और हिंद-प्रशांत दृष्टि के संगम पर स्थित है। भारत ‘सागर’ या क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के व्यापक नीति ढांचे के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है। मोदी ने कहा कि भारत ने ने कनेक्टिविटी, वाणिज्य और सहयोग पर अपना ध्यान केंद्रित रखा है और अब हम डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर अधिक जोर देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दोनों पक्ष सीईपीए (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग का विस्तार करने का भी फैसला किया है। आतंकवाद का मुकाबला करने, कट्टरपंथ को खत्म करने और सीमाओं के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर अपने जुड़ाव को मजबूत करने का फैसला भी किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत करता है। वहीं, हसीना ने भी अपनी टिप्पणी में भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और एक भरोसेमंद दोस्त बताया। हसीना ने कहा, “मैं बांग्लादेश की मुक्ति में भारत सरकार और भारत के लोगों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करती हूं।”
Glad to have welcomed PM Sheikh Hasina to Delhi today. Over the year, we have met about ten times but this visit is special because she is our first state guest after our Government returned to power for the third term. Be it the ‘Neighbourhood First’, ‘Act East’ or SAGAR policy,… pic.twitter.com/qi4q3FRNDO
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2024
हसीना ने 1971 के युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले भारत के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की थी। लोकसभा चुनाव के बाद भारत में नयी सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है। हसीना ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। वार्ता से पहले, हसीना का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। हसीना भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने नौ जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथग्रहण समारोह में भाग लिया था।