प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो - मीडिया गैलरी
नई दिल्ली : संसदीय कार्य मंत्रालय की हालिया अधिसूचना में सांसदों और पूर्व सांसदों की सैलरी, भत्तों और पेंशन में 24% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई। ऐसे में इससे जनता के बीच कई गलतफहमियां पैदा हो गई हैं। बता दें, बीते 24 मार्च 2024 को जारी इस अधिसूचना के तहत सांसदों की मासिक सैलरी 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.24 लाख रुपये हो गई, जो 1 अप्रैल 2023 से लागू होने वाला है।
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह राय दी थी कि सांसदों को अपनी सैलरी खुद तय नहीं करनी चाहिए। उनका मानना था कि यह फैसला या तो पे कमीशन जैसी संस्था को करना चाहिए या इसे कुछ पदों और रैंकों की बढ़ोतरी से जोड़ा जाना चाहिए। इसी विचार के आधार पर सांसदों की सैलरी संशोधन प्रक्रिया को संसद के मनमानी फैसले से बदलकर मुद्रास्फीति से जोड़ा गया। 2018 में लागू इस तंत्र से सैलरी संशोधन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित होता है।
फाइनेंस एक्ट 2018 ने सैलरी, भत्ते और पेंशन ऑफ मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट एक्ट, 1954 में संशोधन किया, जिसके तहत सांसदों की सैलरी को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स से जोड़ा गया। इससे पहले संशोधन अनियमित थे और हर बार संसदीय मंजूरी की जरूरत पड़ती थी। 2010 में आखिरी संशोधन से पहले सांसदों की सैलरी 16,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई थी, जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
नई व्यवस्था के तहत, 2018 में आधार वेतन 1 लाख रुपये तय किया गया था। अब CII के आधार पर सांसदों को 1.24 लाख रुपये मासिक सैलरी मिलेगी, जो 7 साल में 24% की बढ़ोतरी है, यानी सालाना औसतन 3.1%। कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में सांसदों और मंत्रियों की सैलरी में 30% की कटौती की गई थी, जो एक साल तक लागू रही। ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार हर पांच साल में सांसदों की सैलरी को कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) के आधार पर समायोजित करती है, जिससे उनकी आय में ‘मनमानी बढ़ोतरी’ नहीं हो पाती।
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हालांकि, कई राज्य सरकारें अभी भी मनमानी से अपनी सैलरी बढ़ाती हैं। कर्नाटक में 2025 बजट में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी सैलरी 75,000 से 1.5 लाख रुपये कर दी, जबकि झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी देखी गई। यह केंद्र की संरचित प्रणाली के विपरीत है, जो पारदर्शिता और व्यवस्था को प्राथमिकता देती है।
– एजेंसी इनपुट के साथ इस खबर को बनाया गया है।