चुनाव आयोग ने दोनों समूहों को कहा है कि वे 6 अक्टूबर को मामले में सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से आएं या फिर अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित दर्ज कराएं। अब पार्टी पर कब्ज़ा करने को लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजीत पवार के बीच कांटे की टक्कर होगी।