प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
हैदराबाद: महाराष्ट्र के पुणे में तेजी से पैर पसार रहा (GBS) रोग अब महाराष्ट्र के बाहर भी पहुंच गया है। इस बीमारी से अब तक तीन लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र के बाद गुलियन-बैरे सिंड्रोम के मरीज की पश्चिम बंगाल में पुष्टि हुई थी। अब तेलंगाना में भी जीबीएस का एक मरीज मिला है।
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले की एक महिला के दुर्लभ तंत्रिका विकार गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। शुक्रवार को सिद्दीपेट जिले के केआईएमएस अस्पताल द्वारा एक बयान जारी किया गया। इसके अनुसार, मरीज का पुणे की यात्रा का कोई इतिहास नहीं है।
बयान में कहा गया है कि “तेलंगाना के सिद्दीपेट की 25 वर्षीय महिला फिलहाल केआईएमएस अस्पताल में भर्ती है और जीबीएस के संक्रमण की पुष्टि के बाद उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।”
सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार यादा ने कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में इस बीमारी फैली है और न तो रोगी और न ही परिवार के किसी सदस्य ने वहां की यात्रा की है। डॉ. यादा के अनुसार बुखार या दस्त के बाद शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के गलती से स्वयं के तंत्रिका तंत्र पर हमला करने से जीबीएस रोग होता है।
महिला ने शुरू में एक सप्ताह तक दूसरे अस्पताल में इलाज किया, लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे बेहतर इलाज के लिए केआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिद्दीपेट के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करने पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मामला प्रशासन के संज्ञान में नहीं आया है।
बता दें कि पुणे और आस-पास के इलाकों में जीबीएस का प्रकोप संभवतः दूषित जल स्रोतों से जुड़ा है। माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला बैक्टीरिया ‘कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है।
पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में अब तक दो मरीजों की मौत हो चुकी हैं। एक 10 वर्षीय बच्चे को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पिछले रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं उत्तर 24 परगना जिले के 12वीं कक्षा के छात्र की कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो हुई।
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अस्पताल के मुताबिक, छात्र की मौत सेप्टिक शॉक और मायोकार्डिटिस के कारण हुई है और डॉक्टरों का अनुमान है कि इसकी मूल बीमारी गुलियन बैरी सिंड्रोम हो सकती है और दोनों की मौत गुलियन बैरी सिंड्रोम से हो सकती है।