इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : जहां एक तरफ राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ बीते सोमवार को कर्नाटक में FIR दर्ज हुई। उनके NGO फाउंडेशन फॉर रिवाइटेलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) पर वन विभाग की जमीन कब्जा करने का आरोप है। वहीं एस मामले पर अब पित्रोदा सपाई देते फिर रहे हैं।
जानकारी दें कि, BJP की शिकायत पर पित्रोदा, उनके NGO के एक साथी, वन विभाग के 4 अफसर और एक रिटायर्ड IAS अफसर पर केस दर्ज हुआ है। भाजपा नेता और एंटी बेंगलुरु करप्शन फोरम के अध्यक्ष रमेश एनआर ने बीते 24 फरवरी को ED और लोकायुक्त से मामले की शिकायत की थी। जांच के बाद उन पर केस दर्ज किया गया है।
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हालांकि इस बाबत BJP द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।
बता दें कि, BJP नेता एन आर रमेश ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों सहित पांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये का 12। 35 एकड़ सरकारी भूखंड अवैध रूप से हासिल किया। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद रमेश ने प्रवर्तन निदेशालय और कर्नाटक लोकायुक्त से शिकायत की है।
खबर है कि, सैम पित्रोदा ने 1996 में मुंबई में एक संगठन FRLHT रजिस्टर्ड किया था। उसी साल कर्नाटक के वन विभाग से 5 हेक्टेयर (12। 35 एकड़) जंगल की जमीन येलहंका के पास जारकाबांडे कावल में 5 साल के लिए लीज पर ली थी।
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2001 में इस लीज को 10 साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 2011 में ही यह लीज खत्म हो गई थी। पित्रोदा और उनके सहयोगी इस जमीन पर अभी भी अस्पताल चला रहे हैं। इसके अलावा वन विभाग की इस जमीन पर परमिशन के बिना बिल्डिंग भी बनाई गई है। जमीन की वर्तमान कीमत 150 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
वहीं पित्रोदा ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर एक बयान में कहा, ‘‘हाल ही में भारतीय मीडिया में, टेलीविजन और प्रिंट दोनों पर आई खबरों के मद्देनजर, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं-मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।”
अमेरिका में रह रहे कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसके अलावा, भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान- चाहे 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ या 2004 से 2014 तक डॉ। मनमोहन सिंह के साथ- मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया।” पित्रोदा ने कहा, ‘‘इसके अलावा, मैं स्पष्ट रूप से यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे जीवन में – 83 साल में – भारत में या किसी अन्य देश में कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकार नहीं की। यह पूर्ण सत्य है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)