सुप्रीम कोर्ट (सोर्स:-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट देश की राजधानी दिल्ली तथा उसके आसपास लगे इलाको में तेज़ी से बढ़ते वायु प्रदुषण को लेकर सख्त है, जिसे लेकर कोर्ट द्वारा आज सुनवाई की जानी है। पिछली सुनवाई में वायु प्रदुषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई जरुरी बातें कही थी और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को ठीक तरह से तैयारी करके पुनः पेश होने को कहा था।
दिल्ली में AQI अब 200 के पार हो चूका है, जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हावा कितनी जहरीली है और वायु प्रदुषण का स्तर कितना बढ़ गया है। लगातर बढ़ते प्रदुषण को लेकर सरकार भी गंभीर हो गई है, जिसके लिए अब कई कड़े कदम उठाए जायेंगे और प्रदुषण के लेवल की लगातार समीक्षा की जाएगी।
बताया जाता है, कि दिल्ली में कल AQI लेवल 217 रहा था, जोकि बहुत ही ख़राब तथा चिंताजनक है। यदि दिल्ली में प्रदुषण के हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही यहां सांस लेना भी मुश्किल हो जायेगा और लोगो का दम घुटने की स्थितियां पैदा हो जाएगी। पिछले रिकार्ड्स की बात करें तो दिल्ली में नवम्बर-दिसंबर यानि ठण्ड के मौसम में प्रदुषण का स्तर बढ़ जाता है।
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राजधानी दिल्ली में तेज़ी से बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है और ग्रेप का लेवल वन लागू कर दिया है। दिल्ली-एनसीआर के लिए केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को क्षेत्र की राज्य सरकारों को क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप-1) के पहले चरण को लागू करने का निर्देश दिया।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ख़राब स्थिति में है, ग्रैप का लेवल-1 लागू होने के बाद अब दिल्ली में निर्माण स्थलों पर धूल शमन, उचित अपशिष्ट प्रबंधन और नियमित तौर पर सड़कों की सफाई के माध्यम से प्रदूषण को नियंत्रित करने पर जोर रहेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, कल शाम चार बजे तक दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 (खराब श्रेणी) रहा। यह सभी के लिए बेहद चिंताजनक बात है।