प्लेन क्रैश होने पर परिवार को क्या मिलता है। (सौ. Freepik)
अगर कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है और उसमें यात्रियों की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉन्ट्रियाल कन्वेंशन 1999 लागू होता है। इस संधि के तहत, एयरलाइंस को मृतक यात्री के परिजनों को लगभग 1.40 करोड़ रुपये (लगभग 1,60,000 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स) तक का मुआवजा देना होता है।
यदि यह साबित हो जाए कि दुर्घटना एयरलाइंस की लापरवाही या चूक के कारण हुई है, तो मुआवजे की राशि और भी अधिक हो सकती है। ऐसे मामलों में विमानन कंपनी और उसकी बीमा कंपनी, दोनों को मिलकर परिजनों को उचित आर्थिक राहत देनी होती है।
यदि यात्री ने अपनी यात्रा के दौरान ट्रैवल इंश्योरेंस लिया था, तो परिजनों को अतिरिक्त मुआवजे के रूप में 25 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की राशि मिल सकती है। यह राशि बीमा कंपनी द्वारा दी जाती है और इसका हक उसी परिवार को होता है जिसने बीमा पॉलिसी ली हो।
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घरेलू उड़ानों के मामले में भी DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के नियमों के अनुसार, एयरलाइंस को यात्री के परिजनों को लगभग इसी तरह का मुआवजा देना होता है। हालांकि राशि की सीमा अलग-अलग केस पर निर्भर करती है, लेकिन सुरक्षा, समय पर इलाज और बीमा के आधार पर मुआवजा तय किया जाता है।
विमान दुर्घटनाओं में जान की कीमत की भरपाई कभी नहीं हो सकती, लेकिन नियमानुसार मुआवजा उन परिवारों को कुछ हद तक राहत जरूर देता है जो अपने प्रियजन को खो चुके होते हैं।