पीएम नरेन्द्र मोदी व चिराग पासवान (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद दिल्ली में सरकार बनाने के कवायदें चल रही हैं। एनडीए के संसदीय दलों की बैठक हो चुकी है। इस बीच नरेन्द्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्रालयों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि रेल मंत्रालय एक बार फिर से बिहार के खाते में जा सकता है!
शुक्रवार को संविधान सदन (पुराने संसद भवन) में एनडीए संसदीय दल की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में पीएम मोदी को तीसरी बार संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा तो वहीं नितिन गडकरी ने उस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। बैठक के बाद एनडीए के सभी घटक दलों के प्रमुखों ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर समर्थन पत्र भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा है।
नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की पुष्टि के बाद सियासी फिजाओं में केन्द्रीय मंत्रालयों को लेकर भी चर्चाएं तैरने लगी हैं। कहा जा रहा है कि पिता रामविलास पासवान की तरह चिराग पासवान भी रेल दौड़ा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से ख़बर तो यह भी है कि चिराग पासवान ने रेल मंत्रालय के लिए दावा भी ठोंक दिया है!
1996 से 1998 के बीच एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल के कार्यकाल में चिराग पासवान के पिता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान रेल मंत्रालय संभाल चुके हैं। दीगर ये है कि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने कोटे की सभी 5 सीटें जीतने मे कामयाब रही है। ऐसे में उन्हें ईनाम मिलना तय माना जा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश में पहले चुनाव से लेकर अब तक 9 बार रेल मंत्रालय बिहार के हिस्से आ चुका है। जिसमें 1962 में बाबू जगजीवन राम, 1969 में राम सुभग सिंह, 1973 में ललित नारायण मिश्र, 1982 में केदार पांडेय, 1989 में जॉर्ज फर्नांडीस, 1996 में रामविलास पासवान, 1998 व 2001 में नीतीश कुमार और 2004 में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री रह चुके हैं। इस बार भी यदि रेल मंत्रालय बिहार के हिस्से में आता है तो यह संख्या दहाई में पहुंच जाएगी।