पूजा खेडकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र कैडर की विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने शनिवार को पूजा खेडकर को IAS पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। विवादित व्यवहार से सूर्खियों आई पूजा खेडकर पर फर्जी तरीके से UPSC में सिलेक्शन का आरोप लगा था।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त किया है। 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया।
यह नियम केंद्र सरकार को यह अधिकार देते हैं कि यदि कोई परिवीक्षाधीन व्यक्ति ‘‘पुनर्परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाता या यदि केंद्र सरकार को यह विश्वास हो जाता है कि परिवीक्षाधीन व्यक्ति सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है”, तो वह उसे सेवा से मुक्त कर सकता है।
#BreakingNews | 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया।#Poojakhedkar pic.twitter.com/yLIBRWmXr0
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 7, 2024
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बता दें कि विवादित व्यवहार और यूपीएससी में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र से सिलेक्शन का मामला सामने के बाद उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी ने पूजा खेडकर का प्रशिक्षण कार्यक्रम रद्द कर दिया था। इसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। प्रशासनिक अकादमी और यूपीएससी की कार्रवाई के बाद अब केंद्र सरकार ने भी पूजा खेडकर को बड़ा झटका देते हुए उन्हें IAS पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
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2023 बैच की अधिकारी खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें से एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता को दर्शाता है। खेडकर (34) सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। यही नहीं पूजा खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप था।