मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम व उनकी बेटी भाग्यश्री (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत के समय अजित पवार का साथ देने वाले महाराष्ट्र के नेताओं का अब उनके अपने ही घरों में विरोध होने लगा है। ऐसा एनसीपी अजित पवार के मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम के मामले में भी देखने को मिल रहा है। खबर है कि अत्राम की बेटी विरोधी गुट एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के संपर्क में हैं। वह शरद पवार गुट के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। अपनी बेटी के बगावती तेवर से अत्राम बेहद आक्रोशित हो गए हैं। उन्होंने बेटी को लेकर विवादित बयान दिया है।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शरद पवार की एनसीपी में दूसरे दलों से नेताओं का आने का सिलसिला तेज हुआ है। महाराष्ट्र के किसी न किसी हिस्से में पार्टी में प्रति दिन नेताओं के पक्ष प्रवेश का समारोह आयोजित किया जा रहा है। इसी बीच विदर्भ में अजित पवार गुट के मंत्री अत्राम की बेटी भाग्यश्री के बारे में कहा जाता है कि वे शरद पवार गुट के संपर्क में हैं। इस पर मंत्री अत्राम ने कहा कि जो लड़की अपने पिता की नहीं हो सकती, वह आपकी क्या होगी? ऐसा सवाल पूछते हुए उन्होंने आगे कहा कि यदि मेरी बेटी ने मेरे विरुद्ध जाकर शरद पवार गुट में जाने का निर्णय लिया तो उसे नदी में फेंक दूंगा।
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धर्मराव बाबा अत्राम आदिवासी इलाकों में एनसीपी के नेता हैं। बेटी के सियासी रुख से गुस्साए अत्राम ने कहा कि मैं पिछले 50 साल से राजनीति में हूं। मैंने सर्व समाज के लिए काम किया है। भाग्यश्री शरद पवार के साथ जाती है तो मेरी एक और बेटी व बेटा है। उन्होंने इसी के साथ यह भी आरोप लगाया कि जिस पार्टी ने पार्टी को तोड़ा वह अब घर को तोड़ने का काम कर रही है।
आत्राम ने कहा कि मेरे पास दोधारी तलवार है, मैं अब उसे म्यान से निकालने जा रहा हूं। हम हलगेकरों को नदी में नहीं फेंक कर ही दम लेंगे। गौरतलब हो कि भाग्यश्री शादीशुदा हैं और शादी के बाद उनके ससुर का उपनाम हलगेकर है।
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बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब अजित पवार के किसी नेता को घर में बगावत का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले एनसीपी अजित गुट के नेता नरहरी झिरवल के बेटे ने अपने पिता की सियासी नीति के विपरीत जाते हुए खुद को शरद पवार का कट्टर समर्थक बताया था।
नरहरी झिरवल के बेटे गोकुल ने यहां तक ऐलान कर दिया है कि यदि शरद पवार आदेश देंगे तो वह दिंडोरी विधानसभा सीट से अपने विधायक एवं विधानसभा में उपाध्यक्ष पिता नरहरी के खिलाफ भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।