कोलकाता मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
कोलकाता: आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के साथ दरिंदगी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सिंह के बीच जमकर बहस हुई। इस दौरान CJI ने राज्य की पुलिस और अस्पताल प्रशासन से कई सवाल किए।
सबसे पहले चीफ जस्टिस ने स्टेटस रिपोर्ट पढ़ा। इस स्टेटस रिपोर्ट में फोरेंसिक रिपोर्ट,अटॉप्सी रिपोर्ट समेत अन्य कई कागजात शामिल है। इस रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। जिसे देखने के बाद अदालत ने आरोपी को लगी चोट की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में सवाल किया। जिसपर सिब्बल ने इसे केस डायरी का हिस्सा बताया। चीफ जस्टिस ने आरोपी के मेडिकल एक्जामिनेशन नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाया। इसके बाद पीठ की ओर से मौत और FIR की टाइमिंग में दिख रहे अंतर पर सवाल किया।
चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि मौत का समय 10.10 बजे सुबह दर्ज किया गया है। वहीं क्राइम सीन को सीज करने का समय 11:30 रात को बताया गया है, इस दौरान यहां क्या हो रहा था? उन्होंने कहा कि क्राइम सीन की वीडियोग्राफी डॉक्टरों के दबाव के बाद की गई। इसकी वजह क्या आप हमें बता सकते हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक युवा डॉक्टर द्वारा बताया गया है कि अस्पताल में काफी समय से गड़बड़ी की जा रही थी। उस डॉक्टर द्वारा 2023 में सरकार को शिकायत भी भेजी गई थी, उसको अंदेखा क्यों किया गया था। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप हमें बताए कि पोस्टमार्टम कब की गई? जिसपर सिब्बल ने कहा शाम 6.10 से 7.10 के बीच की गई। इसके बाद भी अननेचुरल डेथ का FIR क्यों किया गया? क्या बॉडी उठाते समय आपको सब पता था। कोर्ट की तरफ से अगली तारीख को पुलिस के उच्च अधिकारी को भी अदालत लाने का आदेश दिया गया है।
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मामले की सुनवाई के दौरान जज ने राज्य सरकार के वकील की क्लास लगा दी। उन्होंने पूछा कि पंचनामा कब हुआ? उन्होंने CBI अधिकारी से सवाल करते हुए पूछा कि क्या आप हमें बता सकती हैं कि रिकॉर्ड में इतना अंतर क्यों है। अदालत की ओर से कहा गया कि पुलिस द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई गई वो क्रिमिनल प्रोसीजर कोड से अलग है। उन्होंने कहा कि मैने अपने 30 साल के करियर में ऐसा नहीं देखा। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस अधिकारी के कामों पर कई सवाल उठाए।