दिल्ली के भारत मंडपम में 14 नवंबर से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है। इसे लेकर 24 नवंबर की संध्या बिहारी लोकगीतों के नाम रही। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करके बिहार दिवस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया।
व्यापार मेले में बिहारी कलाकारों की प्रस्तुति (सौ.सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में 14 नवंबर से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है। इसे लेकर 24 नवंबर की संध्या बिहारी लोकगीतों के नाम रही। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करके बिहार दिवस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया। उद्घाटन के बाद बिहार के चोटी के पांच लोकगीत गायकों ने भोजपुरी मैथिली,मगही और अंगिका लोकगीतों की झड़ी लगा दी।
यहां पर कार्यक्रम के दौरान कलाकारों में नीतू कुमारी नवगीत, सत्येंद्र कुमार संगीत, अमर आनंद, नीतू कुमारी नूतन और उषा सिंह ने एक से बढ़कर एक लोकगीत गाए। प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान प्रभु श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर गाए गए गीत बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ, भिखारी ठाकुर रचित जतसारी गीत डगरिया जोहत ना हो बीतत बाटे अठपहरिया हो डगरिया जोहत ना, पिया गइले कलकतवा ए सजनी, पटना से बैदा बुलाई दा, पनिया के जहाज से पलटनिया, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा,त्र और कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया जैसे गीत गाकर धमाल मचाया।
कार्यक्रम में भोला वर्मा ने तबला पर, शशि भूषण झा ने कीबोर्ड पर, हरीभूषण झा ने ढोलक पर, मनोज कुमार यादव ने पैड पर और कुमार पारस ने बैंजो पर कलाकारों के साथ शानदार तरीके से संगत किया। मंच संचालन रूपम त्रिविक्रम ने किया।
इस वर्ष मेले की थीम "विकसित भारत @2047"पर आधारित है यह थीम वर्ष 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और सतत राष्ट्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोकल टू ग्लोबल रखा गया है।
यहां पर दिल्ली में हो रहा आयोजन भारत की विविध संस्कृति, व्यापार और नवाचार के जश्न की तरह है। व्यापार और सहयोग के लिए यह एक वैश्विक मंच प्रदान करता है।सरकार का लक्ष्य भारत व्यापार संवर्धन संगठन को एक विश्व स्तरीय एजेंसी के रूप में विकसित करना है।
आपको बताते चलें कि, इस व्यापार मेले के जरिए बैंगलोर, मुंबई, चेन्नई, लखनऊ, वाराणसी और नोएडा जैसे शहरों में व्यापार सुविधाओं के लिए नियोजित विस्तार पर विचार किया जा रहा है। व्यापार आयोजनों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। सुचारू लेन-देन की सुविधा के लिए कियोस्क स्थापना की योजनाओं का उल्लेख किया गया है।