असदुद्दीन ओवैसी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Asaduddin Owaisi on Operation Sindoor: हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जब खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते और दोनों देशों के बीच व्यापार भी पूरी तरह बंद है, तो दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच की इजाज़त कैसे दी जा सकती है।
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान ओवैसी ने कहा, “क्या आपकी अंतरात्मा इसकी इजाज़त देती है, आप व्यापार रोक देते हैं, पाकिस्तान के विमान हमारे हवाई क्षेत्र में नहीं आ सकते, उनकी नावें हमारे जलक्षेत्र में नहीं आ सकतीं, उनके साथ व्यापार पूरी तरह बंद है, तो आपकी अंतरात्मा क्यों नहीं ज़िंदा है? आप किस हालत में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलेंगे?”
AIMIM प्रमुख ओवैसी ने आगे कहा कि जब हम कह रहे हैं कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बहेंगे और हम पाकिस्तान को पानी नहीं दे रहे लेकिन आप क्रिकेट मैच कैसे खेलेंगे। ओवैसी ने कहा, “मेरा जमीर मुझे वह मैच देखने की इजाज़त नहीं देता।”
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि सरकार को पहलगाम हमले की जवाबदेही तय करनी होगी। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में साढ़े सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। ऐसे में चार चूहे कैसे घुस आए और हमारे भारतीय नागरिकों की जान ले ली। इसकी जवाबदेही किसकी होगी?”
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि अगर उपराज्यपाल की जवाबदेही बनती है तो उन्हें हटाएं, अगर आईबी की गलती है तो कार्रवाई करें, अगर पुलिस की गलती है तो कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सोच रही है कि ऑपरेशन सिंदूर से लोग इसे भूल जाएंगे, तो ऐसा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया, लेकिन इसके बाद भी वहां आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं, इससे पता चलता है कि सरकार की नीति विफल हो रही है। ओवैसी ने ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के बीच हुई मुलाकात को लेकर भी सरकार को घेरा।
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चर्चा के दौरान ओवैसी ने आगे कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और इसके तहत भारत को अपने फैसले खुद लेने चाहिए, न कि व्हाइट हाउस में बैठे किसी व्यक्ति को। ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, हम एक संप्रभु देश हैं, जिसका अर्थ है कि हम अपने फैसले खुद ले सकते हैं। एक गोरा आदमी भारत में बैठकर भारत के युद्धविराम की घोषणा नहीं कर सकता।