तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी (सोर्स - सोशल मीडिया)
हैदराबाद: तेलंगाना में दो पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद से सियासत गरमा गई है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार पर मीडिया की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। तेलंगाना के चर्चित पत्रकार रेवती पोगदडांडा और उनकी सहयोगी तन्वी यादव को बुधवार सुबह उनके घर से हिरासत में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि हाल ही में इनके डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें एक बुजुर्ग किसान ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसी मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस पूरे मामले को लेकर तेलंगाना सरकार चौतरफा घिरती दिख रही है। पत्रकार संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया है और सरकार से तुरंत कार्रवाई रोकने की मांग की है। अब देखना यह होगा कि रेवंत रेड्डी सरकार इस पर क्या सफाई देती है और क्या गिरफ्तार पत्रकारों को जल्द रिहा किया जाएगा।
बुधवार सुबह करीब 12 पुलिसकर्मी रेवती के घर पहुंचे और बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें हिरासत में ले लिया। उनके पति के मोबाइल और लैपटॉप समेत कई डिजिटल उपकरण भी जब्त कर लिए गए। पुलिस ने बताया कि कांग्रेस नेताओं की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था और यह जांच का हिस्सा है। हालांकि, खुद रेवती का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ उन्हें और उनके परिवार को डराने के लिए की गई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “रेवंत रेड्डी मुझे चुप कराना चाहते हैं, मेरे परिवार पर दबाव डाल रहे हैं और हमें धमका रहे हैं।”
DON’T SHARE THIS VIDEO PLEASE!!!
CASES WILL BE FILED 🙏🏼🙏🏼🙏🏼Here is a video of my team @pulsenewsbreak speaking to an old man.
He expresses his frustration about various issues, in his own language.NOW! The Telangana Congress is busy filing cases and Telangana police are… pic.twitter.com/gQYWhmseG5
— Revathi (@revathitweets) March 11, 2025
यह पहला मौका नहीं है जब रेवती को सरकार की तरफ से कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। 2019 में भी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सरकार के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी ने एक बार फिर राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है।
इससे पहले, एक डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार गौतम पोथागोनी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश की। इन लगातार हो रही गिरफ्तारियों को लेकर पत्रकार संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार की आलोचना की है।
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विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (KTR) ने इसे आपातकाल जैसी स्थिति करार देते हुए कहा कि “सुबह 5 बजे पत्रकार रेवती के घर पर छापा मारना और उनकी गिरफ्तारी राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति को दर्शाता है। युवा पत्रकार तन्वी यादव की गिरफ्तारी भी निंदनीय है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सवाल उठाए। एक बीजेपी प्रवक्ता ने पोस्ट किया, राहुल गांधी लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी की सरकार में पत्रकारों को सुबह-सुबह गिरफ्तार किया जा रहा है। क्या यही ‘मोहब्बत की दुकान’ है?