अकबरुद्दीन और रेवंत रेड्डी (फोटो- सोशल मीडिया)
हैदराबादः तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी की सीएम रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। विधानसभा के अंदर और बाहर AIMIM पार्टी के नेताओं के साथ रेवंत रेड्डी साथ दिखाई देते हैं। यह कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि विधानसभा चुनाव AIMIM ने केसीआर की पार्टी BRS के साथ मिलकर लड़ा था। ऐसे में चुनाव के दौरान कांग्रेस की लहर देख ओवैसी बंधुओं ने रेवंत रेड्डी व उनकी पार्टी के अन्य नेताओं पर जमकर निशाना साधा था। यह राजनीतिक कड़वाहट अचानक से खत्म हो गई है।
इतना ही नहीं ओवैसी बंधुओं की भी सियासी चाल बदल गई है। अपने अक्रामक और कथित तौर पर हिंदू विरोधी भाषणों के लिए जाने जानें वाले असदुद्दीन ओवैसी के भाई विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं।
तेलंगाना विधानसभा की कार्यवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लाल दरवाजे की मंदिर के लिए फंड की मांग कर रहे हैं। वीडियो में अकबरुद्दीन ओवैसी कह रहे हैं कि “सर लाल दरवाजे के लिए, इतनी बड़ी मंदिर है अफजल मार्केट के लोगों को अल्टरनेट लैंड देकर लाल दरवाजा मंदिर को बड़ा बना सकते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो हिंदू के प्रोटेक्टर बनते हैं उन्होंने कभी लाल दरवाजा मंदिर के लिए कभी बात नहीं की। इसके आगे उन्होंने कहा कैसा इत्तेफाक है मंदिर का काम भगवान इस मुसलमान से ले रहा है।
अकबरुद्दीन की डिमांड पर सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि मैं लाल दरवाजा मंदिर को स्पेशल डेवलपमेंट फर्म से 20 करोड़ रूपये देना का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आज ही सीएम निधी से कमेटी को फंड जीओ जारी कर देते हैं। सीएम ने कहा कि लाल दरवाजा हिस्ट्री है, हम हिस्ट्री को छोड़ना नहीं चाहते हैं।
सीएम रेड्डी और अकबरुद्दीन के बीच हुए सवाल जवाब का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
तेलंगान: AIMIM विद्यायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने लाल दरवाज़ा मंदिर के लिए मांग फंड, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तुरंत दिए 20 करोड़ रुपए.@AkbarOwaisi_MIM #Mandir #Telangana pic.twitter.com/vZw2qJgpT7 — Journo Mirror (@JournoMirror) March 19, 2025
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बता दें कि लाल दरवाज़ा 1907 में बनाया गया था। निज़ाम के समय में इसे उपनगर के प्रवेश द्वार पर एक बड़े लाल दरवाज़े को लाल दरवाज़ा नाम दिया गया था। महाराजा किशन प्रसाद , जो निज़ाम सरकार के प्रधानमंत्री थे, उन्होंने यहां एक मंदिर से बोनालू उत्सव की शुरुआत की थी।