ई पलानीस्वामी और के अन्नामलाई (फोटो- सोशल मीडिया)
चेन्नईः दक्षिण भारत का किला भाजपा अभी तक भेदने में नकाम रही है। भाषा और परिसीमन विवाद पर सीएम एमके स्टालिन ने जो सियासी दांव खेला है, इसके बाद तो भाजपा भी सोचने को मजबूर हो गई है। अब भाजपा AIADMK को फिर से NDA में शामिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और AIADMK के महासचिव ई पलानीस्वामी की एक मीटिंग हुई थी। इसके बाद से प्रदेशाध्यक्ष अन्नामलाई ढीले पड़ गए हैं।
तमिनलनाडु भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि उन्होंने जमीनी स्तर पर बारीकी से विश्लेषण के बाद पार्टी हाईकमान को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैंने जो रिपोर्ट में कहा, उसे यहां बताना मेरे लिए गलत होगा। पार्टी की अंदरूनी बात सार्वजनिक रूप से डिस्कस नहीं कर सकते हैं।
‘तमिलनाडु की भलाई जरूरी’
अन्नामलाई ने पत्रकारों से कहा कि हमने इस बारे में विस्तार से बात की है कि तमिलनाडु कैसे आगे बढ़ेगा और जनता की भलाई के लिए क्या जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं गठबंधन के बारे में बात नहीं करना चाहता। हमारे गृह मंत्री ने जो की है और उन्हीं के बयान अंतिम माना जाए। भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि उनका किसी से पार्टी या नेता के खिलाफ कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। उनकी लड़ाई तमिलनाडु की भलाई के लिए हैं। वे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि मेरा रुख हमेशा खुला रहा है, जब मैंने दिल्ली बात की थी तो मैंने कार्यकर्ता के रूप में काम करने की बात कही थी और आज भी मैं अपनी जुबान पर टिका हूं।
NDA में शामिल होगी AIADMK?
इस बीच बीजेपी और AIADMK के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी अब AIADMK को एनडीए में वापस लाने पर अड़ी हुई है, भले ही इसके लिए उसे राज्य के किसी प्रमुख नेता की बलि क्यों न देनी पड़े। इस पूरे घटनाक्रम को समर्थन देने वालों में केए सेंगोट्टैयन का हाल ही में हुआ दिल्ली दौरा भी शामिल है। सेंगोट्टैयन 2017 में जयललिता की मौत के बाद सीएम पद की दौड़ में थे। सूत्रों ने बताया कि सेनगोट्टैयन अपने जिले इरोड में पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति में ईपीएस के फैसले से संतुष्ट नहीं थे, जिसके कारण वे पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे थे।
देश और दुनियी सभी बड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
‘अन्नामलाई को भाजपा देने वाली झटका’
बता दें कि साल 2023 में सीएम अन्नादुरई और जयललिता पर अन्नामलाई के बयानों के बाद ही AIADMK ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा और AIADMK का गठबंधन हुआ तो अन्नमलाई की राजनीतिक बलि तय है। भाजपा ने तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा था और बुरी तरह हार गई। अब विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।