टनल में अटकी 8 जिंदगियां अब भगवान भरोसे!
नगरकुरनूल: तेलंगाना के सड़क एवं भवन मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने के बाद इसमें फंसे आठ लोगों के सफल बचाव के लिए आज यानी सोमवार को प्रार्थना की। वहीं घटनास्थल का दौरा करने के बाद मंत्री ने कहा कि फंसे हुए श्रमिक झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे दूरदराज के राज्यों से परियोजना पर काम करने और तेलंगाना के किसानों की मदद करने के लिए आए हैं।
इस बाबत आज उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ये आठ लोग जीवित हों। हमारा उद्देश्य लोगों को बचाना है… मैं भगवान श्रीशैल मल्लन्ना से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें सुरक्षित रखें।” मंत्री ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के टी रामा राव के इस आरोप का खंडन किया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधान परिषद (एमएलसी) के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण बचाव कार्यों को गंभीरता से नहीं लिया।
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इस बाबत वेंकट रेड्डी ने दावा किया कि विपक्षी नेता सिरसिला नहीं गए, जहां कालेश्वरम परियोजना के कारण सात लोगों की मौत हो गई थी। मंत्री ने कहा कि उनके दो कैबिनेट सहयोगी बचाव कार्यों की देखरेख के लिए सुरंग स्थल पर मौजूद हैं।
बाद में वेंकट रेड्डी नेसंवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे 41 लोगों को 17 दिन के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया था और इसलिए सरकार फंसे हुए लोगों की सुरक्षा के प्रति आशान्वित है। वहीं, एक अन्य मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार सुबह कहा कि सुरंग में फंसे आठ लोगों के बचने की संभावना अब ‘‘बहुत कम” है, हालांकि उन तक पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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जानकारी दें कि, तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग के अंदर फंसे आठ कर्मियों को बचाने का अभियान जारी है। कहा जा रहा है कि फंसे हुए लोगों को बचाने में कम से कम तीन से चार दिन और लगेंगे, क्योंकि दुर्घटना स्थल कीचड़ और मलबे से भरा हुआ है जिससे बचाव दल के लिए यह एक मुश्किल काम बन गया है।
बता दें कि, इस सुरंग में पिछले 48 घंटों से फंसे लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। इन आठ लोगों में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)