
संसद, फोटो- सोशल मीडिया
Winter Session of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने सत्र से पहले आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस सत्र के लिए कुल 12 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें से 10 नए विधेयक पेश करने की योजना है।
सरकार ने 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए कुल 12 बिल सूचीबद्ध किए हैं, जिसमें 10 नए विधेयक शामिल हैं। सरकार इन 10 नए विधेयकों को शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना बना रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य परमाणु क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलना, उच्च शिक्षा में सुधार लाना, बीमा क्षेत्र में सुधार, प्रतिभूति बाजार में सुधार, और राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण को सरल बनाना है। सूचीबद्ध किए गए प्रमुख बिलों में परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक 2025 शामिल हैं।
इन सूचीबद्ध विधेयकों में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर अभी से विवाद शुरू हो गया है। इस विधेयक के जरिए चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य चंडीगढ़ के प्रशासन को उन अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के अनुरूप करना है जिनके पास विधानमंडल नहीं है, जैसे अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, या पुडुचेरी (जब उसकी विधानसभा भंग या निलंबित हो)।
अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को इन केंद्रशासित प्रदेशों की शांति, विकास और गुड गवर्नेंस के लिए कानून बनाने का अधिकार देता है। इस विधेयक का कांग्रेस, अकाली दल समेत पंजाब के दलों ने विरोध किया है। उनका आरोप है कि इससे चंडीगढ़ पर पंजाब की पकड़ कमजोर हो सकती है और यह चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की एक साजिश है।
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केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले, रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संभावना है कि इस सर्वदलीय बैठक और आगामी संसद सत्र में चंडीगढ़ से जुड़े बिल पर विरोध और हंगामे के आसार हैं। पंजाब के दलों ने आरोप लगाया है कि इस विधेयक का विरोध करना आवश्यक है क्योंकि यह पंजाब की चंडीगढ़ पर पकड़ को कमजोर कर सकता है। सरकार ने जन विश्वास विधेयक 2025, राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025, और प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक (एसएमसी), 2025 जैसे अन्य महत्वपूर्ण बिल भी सूचीबद्ध किए हैं।






