
बकरी या गाय के दूध (सौ. सोशल मीडिया)
National Milk Day 2025: हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति करना जरूरी होता है। आजकल हर कोई की थाली से पोषक तत्व गायब सा होने लगा है। इसकी पूर्ति के लिए आपको खानपान पर ध्यान देना चाहिए। छोटे हो या बड़ें हर किसी के लिए दूध पोषक तत्वों का खजाना होता है लेकिन इसका सेवन करने से हर कोई कतराता है। बच्चे के जन्म के बाद तो मां का दूध ही नवजात शिशु की सेहत के लिए स्वास्थवर्धक माना जाता है। बच्चे के एक साल के होने के बाद मांएं उन्हें बाहर का दूध पिलाना शुरु करती है इनमें पोषक तत्व कम मात्रा में होते है।
मां के दूध की तरह ही शिशु के लिए गाय और बकरी का दूध पिलाया जा सकता है लेकिन दोनों प्रकार के दूध में से कौन सा बच्चे के लिए सही है इसके बारे में चलिए जान लेते है।
यहां पर हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह खास दिन भारतीय डेयरी उद्योग और देश में दूध उत्पादन के इतिहास में क्रांति लाने वाले डॉ. वि.के. प्रेमजी (Dr. Verghese Kurien) की याद में मनाया जाता है। इन्हें प्यार से “दूध का पिता” कहा जाता है। डॉ. प्रेमजी की दूरदर्शिता और प्रयासों ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाने में मदद की। यहां पर अमूल ब्रांड ने लाखों किसानों की आमदनी में इजाफा किया है।
भारत देश में गाय को मां का रूप माना जाता है। गाय का दूध, मां के दूध के तरह ही अमृत होता है। इस दूध का सेवनकरने से कैल्शियम समेत जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। इस पोषक तत्व से हड्डियों और दांतों के विकास के लिए फायदेमंद होता है। वहीं पर दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन का शरीर के संपूर्ण विकास में फायदा दिलाता है। इसके अलावा विटामिन D और B12 होता है जो ब्रेन और स्किन के लिए फायदेमंद होता है। दूध का अधिक सेवन करने से नुकसान भी हो सकते है। पेट में दर्द, गैस या दस्त की समस्या हो सकती है।इसमें मौजूद A1 केसिन प्रोटीन कुछ बच्चों में सूजन या एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।
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गाय के दूध की तरह ही मां को नवजात शिशु के लिए बकरी का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। बकरी का दूध पचाना आसान होता है तो वहीं पर बच्चों के लिए अधिक डाइजेस्टिव फ्रेंडली है। गाय के दूध की तुलना में यह दूध A2 केसिन प्रोटीन होने की वजह से कम एलर्जिक होता है। एलर्जेनिक होता है।इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो शरीर के पूरे विकास के लिए जरूरी होता है। इस दूध में पाया जाने वाला लैक्टोज इनटॉलरेंस बच्चों की सेहत के लिए सही होता है। इस दूध का बाजार में मिलना आसान नहीं होता है।
इसे लेकर डॉक्टर बताते है कि, 6 महीने से छोटे शिशुओं को मां का दूध ही सर्वोत्तम होता है। किसी भी प्रकार का गाय या बकरी का दूध देने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है। बच्चे को किसी तरह की एलर्जी हो तो यह दूध सही नहीं होता है।






