सर्दी-जुकाम पर राहत पाने के लिए करें योगासन (सौ. डिजाइन फोटो)
Yoga for Cold Weather: सर्दियों कें मौसम की शुरुआत हो गई है। इस बदलते मौसम के साथ कई तरह के बदलाव भी होते है। सर्दी-जुकाम और संक्रमण बढ़ने की समस्या सबसे ज्यादा सर्दियों में बढ़ने लगती है। भलें ही सर्दी-खांसी सामान्य स्वास्थ्य के बदलाव है लेकिन यह शरीर पर भी बुरा असर डालते है। आप इन समस्या के लिए योग का सहारा ले सकते है। योग न केवल शारीरिक फिटनेस में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति, शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) और श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाने में भी सहायक माना जाता है। खास तौर से सर्दियों के मौसम में जुकाम-खांसी से बचने में योग काफी प्रभावी माना जाता है।
अगर आप सर्दी-जुकाम की समस्या से जूझ रहे है तो रोजाना 30 मिनट का योग और प्राणायाम जरूर करें।योग के अभ्यास से शरीर में रक्त-संचार सुधरता है, फेफड़ों और श्वसन नलियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके साथ ही तनाव कम होता है। योगासनों में से कुछ आसन ऐसे हैं जिन्हें खांसी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति राहत पाने के लिए आजमा सकता है।
यहां पर सर्दी-जुकाम की समस्या पर राहत पाने के लिए आप इन प्रकार के योगासन को कर सकते है जो आपको फायदा दिलाते है।
उत्तानासन:
उत्तानासन का अभ्यास खांसी-जुकाम में राहत देने में सहायक होता है। यह आसन शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और सांस की नलियों को आराम पहुंचाता है। जब सांस का मार्ग खुला रहता है तो नाक की बंदी और गले में जकड़न कम होती है। यह आसन शरीर में गर्मी पैदा करता है, जिससे जुकाम और ठंड के कारण होने वाली तकलीफ घटती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि उत्तानासन मानसिक तनाव को भी कम करता है और तनाव कम होने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और बढ़ती है।
अधोमुख श्वानासन:
अधोमुख श्वानासन भी खांसी-जुकाम में लाभकारी माना जाता है। इस आसन से शरीर के ऊपरी हिस्से में खिंचाव आता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। जब फेफड़े सही तरीके से काम करते हैं तो सांस लेना आसान होता है और गले में जमाव महसूस नहीं होता। साथ ही यह आसन शरीर में रक्त का संचार बढ़ाता है, जिससे संक्रमण से लड़ने वाले सफेद रक्त कणों की संख्या बढ़ती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस आसन को नियमित रूप से करने से सर्दियों में खांसी और जुकाम के लक्षण कम महसूस होते हैं और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
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सेतुबंधासन:
सेतुबंधासन भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और नाक की बंदी को कम करने में मदद करता है। इस आसन से रक्त का प्रवाह सिर और छाती की ओर जाता है, जिससे गले और फेफड़ों तक ताजगी पहुंचती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें बार-बार सर्दी-जुकाम या नाक बंद होने की समस्या रहती है। यह आसन शरीर में ऊर्जा पैदा करता है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
आईएएनएस के अनुसार