
बोन मैरो (सौ. डिजाइन फोटो)
Bone Marrow Ayurvedic Remedies: शरीर में मौजूद हर अंग किसी ना किसी रूप से जरूरी है तो वहीं पर इसकी जरूरत भी है। आपके शरीर की हड्डियों में बोन मैरो यानि (अस्थि मज्जा) नाम का स्पंजी ऊतक मौजूद होता है। क्या आप इसके फायदे या इसके काम के बारे में जानते है। नहीं तो यह स्पंजी ऊतक न केवल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है, बल्कि हड्डियों को पोषण और मजबूती भी प्रदान करता है।
आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद ने इसके महत्व के बारे में बताया है। यह हमारे शरीर का ‘साइलेंट हीरो’ कहलाता है। चलिए जान लेते है बोन मैरो हड्डियों को पोषण देने के लिए किस तरह से उपयोगी होता है।
बोन मैरो हमारे शरीर में दो प्रकार से मौजूद होता है। यानि यहां पर लाल मज्जा और पीला मज्जा। लाल मज्जा, लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स बनाता है। वहीं, पीला मज्जा मुख्य रूप से वसा स्टोर करता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर लाल मज्जा में बदलकर रक्त निर्माण में भी मदद करता है। खून की कमी, कमजोर इम्यूनिटी या हड्डियों की कमजोरी के पीछे अक्सर बोन मैरो की सेहत जिम्मेदार होती है। यहां पर बचपन और उम्र बढ़ने के साथ बोन मैरो में बदलाव देखने के लिए मिलता है। बोन मैरो प्रतिदिन 50 अरब से ज्यादा नई रक्त कोशिकाएं बनाता है, रोग प्रतिरक्षा तंत्र की नींव रखता है और इमरजेंसी में रक्तस्राव की भरपाई करता है।
बचपन में सभी हड्डियों में लाल मज्जा होता है, जो उम्र बढ़ने पर पीले रंग में बदल जाता है। इस पर कई रिसर्च हो चुके हैं और यह बताते हैं कि बोन मैरो मस्तिष्क की सूजन को भी प्रभावित कर सकता है और भविष्य में स्टेम सेल थेरेपी का आधार बनेगा।
अगर शरीर के इस जरूरी स्पंजी ऊतक बोन मैरो को जरूरी पोषण न मिले तो, काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में एप्लास्टिक एनीमिया, ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर), मायलोफाइब्रोसिस और थैलेसीमिया जैसी बीमारियां हो सकती है। इसके अलावा शरीर में आपका बोन मैरो कमजोर होने का कारण विटामिन बी12, आयरन या फोलेट की कमी के जरिए हो सकता है। बोन मैरो कमजोर न पड़े, इसके लिए आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में बोन मैरो को मज्जा धातु कहा गया है, जो हड्डियों के अंदर पोषक तत्व प्रदान करती है।
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यहां पर आयुर्वेद औषधियों के जरिए बोन मैरो की समस्या से निजात पाया जा सकता है। चरक संहिता के अनुसार, वात दोष की वृद्धि और पोषण की कमी, इसके कमजोर होने का कारण है। मज्जा धातु को स्वस्थ रखने के लिए गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी, अनार, चुकंदर, घी और दूध का सेवन श्रेष्ठ माना गया है। ये औषधियां इम्यूनिटी बढ़ाती हैं, रक्त निर्माण में सहायता करती हैं और हड्डियों को मजबूत बनाती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि संतुलित आहार और आयुर्वेदिक औषधियों से बोन मैरो स्वस्थ रहता है, जिससे हड्डियां मजबूत और शरीर ऊर्जावान बनेगा। किसी भी समस्या में डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
आईएएनएस के अनुसार






