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मुंबई: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया है। इसके पहले योग दिवस केवल भारत में ही मनाया जाता था। योग का आध्यात्मिक महत्व तो है ही लेकिन यह इंसान के शरीर के लिए भी बेहद फायदेमंद है। योग के माध्यम से हम खुद को विभिन्न बीमारियों से दूर रख सकते हैं। इसके अलावा हम अपने मन को शांत करके मानसिक विकार को भी खुद से दूर रख सकते हैं। यही कारण है कि देखते ही देखते योग का लाभ अब दुनिया भर में उठाया जा रहा है। योग भारत से निकलकर वैश्विक पटल पर पहुंच गया है।
स्टैटिस्टा के मुताबिक भारत से निकलने के बाद योग संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, उत्तरी कोरिया, दक्षिणी कोरिया, चीन जापान, इंडोनेशिया और अफ्रीका जैसे देशों में पहुंच गया है और यहां बड़ी संख्या में आम लोग योग का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में योग का अभ्यास
दुनिया के मुकाबले भारत में सबसे अधिक योग का इस्तेमाल किया जाता है। स्टैटिस्टा डेटा के मुताबिक भारत की करीब 30% महिला योग से प्रभावित हैं। वहीं करीब 22% पुरुष अपने रोजमर्रा के जीवन में योग को जगह देते हैं। वहीं दुनिया के बाकी हिस्सों में योग का इस्तेमाल बढ़ रहा है। आपको बता दे की योग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है और यही कारण है कि अब योग भारत से निकलकर दुनिया भर में अपनी जगह बना रहा है।
भारत है योग का जनक
वैसे तो योग की उत्पत्ति भारत में हुई है लेकिन अब यह दुनिया भर में पहुंच रहा है। प्राचीन काल में भारत में योग का इस्तेमाल अध्यात्म से जुड़ाव के लिए किया जाता था, लेकिन पतंजलि की वजह से आधुनिक युग में इसके बारे में लोग जान पाए और उन्हें आधुनिक योग का जनक भी कहा जाता है। 21 जून 2015 को योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।
21 जून को की क्यों मनाया जाता है योग दिवस
21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे भी एक कारण है, 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। इसके बाद सूर्य धीरे-धीरे दक्षिणायन होने लगता है। इस दिन को योग और अध्यात्म के लिए बेहद खास माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।