बीजेपी में शामिल हुए निखिल मदान (सोर्स:- सोशल मीडिया)
सोनीपत: हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है जिसको लेकर पूरे हरियाणा समेत देश की राजनीति में जबरदस्त गर्माहट है। कारण स्पष्ट है कि हरियाणा समेत और तीन राज्य में विधानसभा के चुनाव इसी साल होने है। इसी बीच हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगता हुआ प्रतित हो रहा है। कांग्रेस नेता और सोनीपत के मेयर निखिल मदान ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है।
सोनीपत के मेयर निखिल मदान ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह दिल्ली भाजपा में शामिल हो गए। निखिल मदान ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडोली की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
अभी अभी देश में लोकसभा का चुनाव खत्म हुआ है, और हरियाणा में इस साल राजनीति में बड़े उलटफेर भी होने की संभावनी थी इस बीच जहां क्रांग्रेस थोड़ी मजबूत दिख रही थी वहीं कांग्रेस नेता और सोनीपत के मेयर निखिल मदान का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामना कांग्रेस का चुनावी समीकरण खराब कर सकता है। इससे बड़ा कड़ी ये है कि निखिल मदान कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा के करीबी माने जाते है तो उनका कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।
ये भी पढ़ें:- पेट में सात करोड़ का कोकीन छिपाकर भारत आ रही थी महिला, दिल्ली एयरपोर्ट पर पुलिस ने धर दबोचा
निखिल मदान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं जिसके बाद उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि, उनका मुख्य उद्देश्य शहर का विकास कराना है। शहर की जनता ने उन्हें वोट देकर चुना है, ताकि शहर का विकास कार्य हो सके। 3 साल तक उन्होंने काफी विकास कार्य करवाए, लेकिन कुछ काम पिछड़ गए थे। जिसके लिए सरकार के सहयोग की जरूरत है और इसीलिए वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें:- अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ ने बदल दी राज्य की तस्वीर, जबरदस्त तबाही देख एक्शन में आए सीएम खांडु
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2020 में राजनीति में उतरे कांग्रेस के युवा नेता निखिल मदान ने नगर निगम के मेयर पद का चुनाव लड़ा और 72,118 वोट पाकर भाजपा के ललित बत्रा को 13,817 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने सोनीपत के पहले मेयर बनने का गौरव हासिल किया था। नतीजों में अपूर्ना पार्टी को हराने के बाद कांग्रेस के निखिल मदान की जीत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई थी। वैसे पिछले कुछ समय से निखिल मदान के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे।