गुजरात स्कूल में नाटक को लेकर विवाद
Gujarat Bhavnagar school controversy: गुजरात के भावनगर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित एक नाटक ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। नगर निगम स्कूल में पेश किए गए इस नाटक में बुर्का पहनी लड़कियों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय ने इसका कड़ा विरोध जताया है। आरोप लगाया गया है कि इससे उनकी छवि खराब की गई है। मामला बढ़ने पर राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूल से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है और संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग हो रही है।
इस पूरे विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब कुम्भरवाड़ा इलाके के एक प्राथमिक विद्यालय ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया। सोशल मीडिया पर इस नाटक का वीडियो वायरल होते ही कई लोगों ने आपत्ति जताई। वीडियो में पहले कुछ लड़कियां सफेद कपड़ों में कश्मीर की खूबसूरती पर गीत गाती नजर आती हैं, जिसके बाद तीन बुर्का पहनी लड़कियां हथियार लेकर आती हैं और गोलीबारी करती हुई दिखाई देती हैं। बैकग्राउंड में आवाज आती है कि आतंकवादियों ने पहलागम हमले में निर्दोष नागरिकों की जान ले ली थी।
On Independence Day in Gujarat’s Bhavnagar district, Kumbharwada School staged a play where students dressed in burqas were shown as terrorists. The act included a song about Kashmir and an audio clip mentioning killings in Pahalgam. After the video went viral, people expressed… pic.twitter.com/qHJtDc0GUq
— The Observer Post (@TheObserverPost) August 17, 2025
‘बंधरण बचाओ समिति’ के बैनर तले स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने अधिकारियों को शिकायत दी और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि इस नाटक ने उनकी भावनाओं को आहत किया और समाज में उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। इस विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल रिपोर्ट तलब की।
भावनगर नगर निगम स्कूल बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी मुंजल बदमलिया ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को नोटिस जारी किया है और सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। यह प्राथमिक विद्यालय नगर निगम के अधीन आता है। शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने साफ कहा है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह विवाद सोशल मीडिया और स्थानीय राजनीति दोनों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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यह मामला अब शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर सवाल खड़े कर रहा है। लोगों का कहना है कि बच्चों को सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की भावना से जोड़ने वाले नाटक प्रस्तुत किए जाने चाहिए। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले पर क्या कदम उठाता है और स्कूल प्रशासन अपनी सफाई में क्या जवाब देता है।