युक्ता मुखी (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Yukta Mookhey Birthday Special: भारत की सुंदरियों में शुमार युक्ता मुखी ने 1999 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया। ऐश्वर्या राय और सुष्मिता सेन की तरह बॉलीवुड में सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाने के बावजूद, युक्ता मुखी ने अपने जीवन में एक अलग पहचान बनाई। उनका मानना है कि बॉलीवुड उनके लिए नहीं बना था, और वह इसे स्वीकार करती हैं। युक्ता ने अपने फिल्मी सफर को खुलकर स्वीकार किया, कहती हैं, “मैंने तीन फिल्में कीं, जो फ्लॉप रहीं, और मुझे इसमें कोई शर्म नहीं है। शायद बॉलीवुड मेरे लिए नहीं था।”
7 अक्टूबर 1977 को जन्मी युक्ता मुखी का जीवन सिर्फ ग्लैमर तक सीमित नहीं रहा। उनका आध्यात्मिक झुकाव शुरुआती दिनों से रहा है। वे अक्सर सत्संग और कीर्तन में जाती थीं, और 14 साल की उम्र में श्री गुरु के आश्रम से जुड़ीं। गणेशपुरी, मुंबई के पास स्थित इस आश्रम ने उन्हें संयम और ध्यान की विधियां सिखाईं, जिसने उनके जीवन को गहराई दी। स्कूल और कॉलेज के समय वह नियमित रूप से आश्रम जाती रहीं और वहीं से उन्हें अपने जीवन में अनुशासन और मानसिक मजबूती मिली।
युक्ता मुखी का पाकिस्तान के मुल्तान शहर से भी कनेक्शन है। उनके पिता ने भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय अपने तीन-चार साल के छोटे बच्चे के साथ भारत की ओर पलायन किया और रिफ्यूजी कैंप में रहने के बाद मुंबई में बस गए। युक्ता कहती हैं कि उनका कोई गांव नहीं है, वे मुंबई से हैं और अपने जीवन से खुश हैं।
बॉलीवुड में डेब्यू युक्ता ने 2002 में फिल्म ‘प्यासा’ से किया। हालांकि फिल्म दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाई, उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। इसके बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बनाते हुए अपने निजी जीवन पर ध्यान दिया। 2008 में उन्होंने न्यूयॉर्क के बिजनेसमैन प्रिंस तुली से शादी की, जो बाद में टूट गई। तलाक के बाद युक्ता ने अपने बेटे के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
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युक्ता मुखी का जीवन एक प्रेरणा है। मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली इस सुंदर और प्रतिभाशाली महिला ने न केवल ग्लैमर की दुनिया में कदम रखा बल्कि आध्यात्मिकता, मजबूती और मातृत्व में भी अपनी पहचान बनाई। उनका जीवन यह सिखाता है कि सफलता केवल मंच या फिल्मी दुनिया तक सीमित नहीं होती, बल्कि अपने मूल्यों और परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी मिलती है।