अधूरी रह गई शारदा सिन्हा का ये इच्छा (फोटो सोर्स-इंस्टाग्राम)
दिल्ली: एएनआई के अनुसार, प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जिन्हें प्यार से “बिहार की कोकिला” के नाम से जाना जाता है का निधन हो चुका है। सिंगर का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। शारदा सिन्हा जिनकी आवाज बिहार के लोक संगीत का पर्याय बन गई है। उनके निधन से पूरा देश गम में है। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम 9.20 बजे सेप्टीसीमिया के कारण रिफ्रैक्टरी शॉक से निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही उनकी आखिरी इच्छा भी अधूरी रह गई। छठ के गीतों से त्योहार को गुलजार करने वाली शारदा सिन्हा की एक इच्छा थी, जो कि अधूरी रह गई। जानिए शारदा सिन्हा की अधूरी इच्छा क्या है?
शारदा सिन्हा जी के निधन से 44 दिन पहले ही उनके पति ब्रज किशोर सिन्हा जी का निधन हुआ था। पति के जाने के बाद से ही सिंगर गमजदा हो चुकी थीं, जिसके बाद से ही वो बीमार रहने लगीं। बुधवार को सिंगर का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना ले जाया जाएगा। बुधवार को लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं। वहीं, गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसे ली। इसके साथ ही उनकी आखिरी इच्छा अधूरी रह गई।
शारदा सिन्हा रामलला के दर्शन करना चाहती थीं और इसके साथ ही बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन के साथ ही सुरों की हाजिरी लगाना चाहती थीं। उन्होंने कहा था, ‘देखती हूं कब तक मेरी ये इच्छा पूरी होती है…।’ हालांकि सिंगर की ये इच्छा अधूरी ही रह गई।
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बता दें कि शारदा सिन्हा काशी जाना चाहती थीं, लेकिन वो नहीं जा पाईं। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने अपनी इस इच्छा को खुलकर जाहिर किया था। उन्होंने बताया कि एक बार साल 2018 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के सिलसिले में काशी गईं थीं। इसके बाद भी वो काशी विश्वनाथ के दरबार नहीं जा पाई थीं।