मेरे पिता की विरासत की अनदेखी से मैं दुखी और बेचैन था: राकेश रोशन
मुंबई: फिल्म निर्माता राकेश रोशन ने कहा है कि वृत्तचित्र-श्रृंखला ‘‘द रोशन्स” उनके दिवंगत पिता एवं संगीतकार रोशन लाल नागरथ की उपलब्धियों को बयां करती है। राकेश के अनुसार, उन्होंने जब पाया कि उनके पिता के गीत कई संगीत संकलन में शामिल नहीं हैं, तो उन्होंने यह श्रृंखला बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में (ओटीटी प्लेटफॉर्म) नेटफ्लिक्स पर प्रसारित ‘द रोशन्स’, संगीतकार रोशन की विरासत पर आधारित है, जिन्होंने मोहम्मद रफी, मुकेश और तलत महमूद जैसे प्रतिष्ठित गायकों के साथ काम किया था। यह श्रृंखला उनके परिवार के सदस्यों उनके बेटों, राकेश और राजेश तथा पोते ऋतिक के फिल्म उद्योग में योगदान को रेखांकित करती है।”
राकेश को सात साल पहले एक पुराना ‘ट्रांजिस्टर’ मिला था, जिसमें कई प्रसिद्ध संगीतकारों के पुराने गीत थे। राकेश ने कहा, ‘‘उसमें लगभग सभी संगीत निर्देशकों और अभिनेताओं के 5,000 से 10,000 गीत थे। मैंने अपने पिता के गीत सुनने के बारे में सोचा, लेकिन मुझे उनका कोई गीत नहीं मिला। मैं हैरान था कि वहां सभी संगीत निर्देशकों के नाम थे, लेकिन मेरे पिता का नाम नहीं था।” फिल्म निर्माता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख हुआ कि उन्होंने इतना अच्छा काम किया (लेकिन वह गायब था…) मैं बेचैन और परेशान महसूस कर रहा था।” बाद में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात वृत्तचित्र श्रृंखला के निर्देशक शशि रंजन से हुई। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे पिता के पुराने गीत गुनगुना रहे थे और मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्हें मेरे पिता के गीत पता हैं।
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मैंने उनसे कहा, ‘आप उन पर एक वृत्तचित्र क्यों नहीं बनाते?’ लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि हम शेष तीनों रोशन – राजेश, ऋतिक और मुझ पर एक वृत्तचित्र श्रृंखला बनाएंगे।” अपने संगीतकार पिता के विपरीत राकेश ने भारतीय सिनेमा में अपने सफर की शुरूआत सहायक निर्देशक के रूप में की और इसके बाद 1970 में उन्होंने फिल्म ‘घर-घर की कहानी’ में अभिनेता के रूप में शुरूआत की। मेरे पिता के निधन के बाद और जब मैंने सहायक निर्देशक के रूप में काम करना शुरू किया, तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे पिता ने कितनी ख्याति हासिल की है। राकेश को उम्मीद है कि ‘‘द रोशन्स” देखने के बाद युवा पीढ़ी को जीवन में कुछ भी खोने का डर न होने का साहस मिलेगा।