राजकुमार राव ने हिंदी मराठी मुद्दे पर की बात
महाराष्ट्र में इस समय हिंदी मराठी मुद्दे पर विवाद चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र में इंग्लिश और मराठी स्कूलों के पाठ्यक्रम में कक्षा पहली से पांचवी तक हिंदी भाषा के विषय को अनिवार्य करने का जो फैसला किया था, आखिरकार सरकार को उससे पीछे हटना पड़ा। क्योंकि इसके विरोध में विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) और मनसे दोनों एक हो गए थे। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में मराठी ना बोलने को लेकर भी एक अलग विवाद चल रहा है। इसी विषय पर जब राजकुमार राव से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने जवाब में साफ कहा है कि एक्टर को हर मुद्दे पर नहीं बोलना चाहिए।
न्यूज़ एजेंसी आइएएनएस से बातचीत करते हुए राजकुमार राव ने बताया कि एक्टर्स को उस विषय पर जरूर बोलना चाहिए जिसके लिए वह अंदर से महसूस करता हो, जिन मुद्दों के प्रति एक्टर्स को लगाव हो। लेकिन एक्टर्स को हर मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए। एक्टर अगर किसी विषय को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं कर रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह उस मुद्दे के प्रति परवाह नहीं करता।
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राजकुमार राव ने किया सवाल
राजकुमार राव ने सवाल भी किया कि सोशल मीडिया कब से यह तय करने लगा कि कोई व्यक्ति संवेदनशील है या नहीं? क्या जो सोशल मीडिया पर नहीं है उनको दुख नहीं होता? उन्हें अच्छी बातों पर खुशी नहीं मिलती? क्या सुख-दुख व्यक्त करने का माध्यम सिर्फ सोशल मीडिया ही रह गया?
एक कलाकार को हर विषय पर बोलना नहीं चाहिए
बातचीत के दौरान राजकुमार राव ने कलाकार और उनके रवैयों के प्रति खुलकर बात की और बताया कि एक कलाकार को समाज के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह जिस विषय पर चुप रहना चाहता है उस पर वह चुप नहीं रह सकता। एक कलाकार को हर विषय पर बोलना नहीं चाहिए। क्योंकि यह उसका काम नहीं है, जिस विषय पर उसे जरुरी लगे उसे उस पर बोलना चाहिए और जो विषय उसे लगे कि इस पर खामोश रहना चाहिए उसे उसपर नहीं बोलना चाहिए।