नेहा सिंह राठौड़ का तीखा हमला
मुंबई: भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ एक बार फिर अपने तीखे और बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने निशाना साधा है देश के लोकप्रिय खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों पर, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्स का प्रचार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने खिलाड़ियों और एक्टर्स को देश के युवाओं को बर्बादी की ओर धकेलने का जिम्मेदार ठहराया।
नेहा ने अपने पोस्ट में एक अखबार की कटिंग साझा की, जिसमें लिखा कि क्रिकेट के भगवान भी सट्टेबाजी ऐप का प्रचार कर रहे हैं। 30 करोड़ युवा इनके जाल में फंसे हैं, 1000 आत्महत्याएं हो चुकी हैं, कानून बने। इसी खबर को आधार बनाते हुए नेहा सिंह राठौड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के जाल में देश के 30 करोड़ युवा फंसे हुए हैं और 1000 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। कौन जिम्मेदार है? सरकार क्या कर रही है। क्या सरकार का काम सिर्फ मुनाफ़ाखोरी है? खिलाड़ी हों या अभिनेता, इस देश ने बेहद वाहियात किस्म के लोगों को अपना भगवान बना रखा है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी के जाल में देश के 30 करोड़ युवा फंसे हुए हैं और 1000 लोग आत्महत्या कर चुके हैं.
कौन जिम्मेदार है? सरकार क्या कर रही है?
क्या सरकार का काम सिर्फ मुनाफ़ाखोरी है?
खिलाड़ी हों या अभिनेता…इस देश ने बेहद वाहियात किस्म के लोगों को अपना भगवान बना रखा है. pic.twitter.com/7Qht8S1wLt
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) May 24, 2025
नेहा का यह बयान साफ तौर पर उन नामी सितारों की आलोचना करता है जो बड़ी रकम के बदले सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का प्रमोशन कर रहे हैं। हाल के वर्षों में देखा गया है कि कई बड़े क्रिकेटर्स और बॉलीवुड स्टार्स सट्टा और रमी जैसे गेम्स के विज्ञापन में दिखाई दिए हैं, जो युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। नेहा सिंह राठौड़ का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। कई लोग उनके समर्थन में बोल रहे हैं, तो कुछ यूजर्स ने उन्हें “जनता को भड़काने” वाला कहकर आलोचना भी की है।
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इस तरह के बेबाक बयानों के लिए मशहूर नेहा पहले भी सरकार और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोल चुकी हैं। चाहे वह किसान आंदोलन हो या बेरोजगारी का मसला नेहा ने हर मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। नेहा का ये पोस्ट एक बार फिर यह साबित करता है कि वो न सिर्फ एक गायिका हैं, बल्कि एक सामाजिक चिंतक भी हैं जो सत्ता और सिस्टम से असहज सवाल पूछने से नहीं डरतीं।