महावतार नरसिम्हा देख मुस्लिमों की आस्था हुई मजबूर, डायरेक्टर ने किया बड़ा दावा
Mahavatar Narsimha: महावतार नरसिम्हा फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी पसंद की जा रही है। भले ही यह फिल्म भगवान विष्णु के अवतार नरसिम्हा पर बनी है, लेकिन इसे बड़ी संख्या में मुस्लिम वर्ग भी देख रहे हैं और पसंद कर रहे हैं। इसी को लेकर फिल्म डायरेक्टर अश्विन कुमार का भी एक बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि यह फिल्म आस्था से जुड़ी हुई है लेकिन यह कोई धार्मिक फिल्म नहीं है।
महावतार नरसिम्हा का निर्माण होमब्ले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शंस की तरफ से किया गया है। होमब्ले फिल्म्स वही प्रोडक्शन हाउस है जिसने कांतारा और केजीएफ जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई है। इन फिल्मों ने पैन इंडिया फिल्म के तौर पर बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। भगवान विष्णु की कहानी पर आधारित और भी फिल्में महावतार के फ्रेंचाइज में रिलीज होने वाली है। दावा किया गया है कि महावतार नरसिम्हा के अलावा इस सीरीज में 6 और फिल्में आएंगी जो भगवान विष्णु के 10 अवतारों पर आधारित होंगी।
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एनडीटीवी के को दिए गए इंटरव्यू में अश्विन कुमार ने बताया कि महावतार नरसिम्हा केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, बल्कि इसे अन्य धर्म के लोग भी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कई मुस्लिम दर्शकों सहित विभिन्न समुदाय के लोग मेरे पास आए और कहा कि फिल्म को देखने के बाद उनकी आस्था और मजबूत हुई है। यह फिल्म किसी धर्म से जुड़ी नहीं है, बल्कि इस फिल्म में गहरी आस्था को दिखाया गया है और आस्था को सभी धर्म में माना जाता है।
फिल्म की कहानी की अगर बात करें तो इस फिल्म में दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप की कहानी को दिखाया गया है, जिसे भगवान ब्रह्मा ने एक ऐसा वरदान दिया था जिससे वह खुद को अमर समझने लगा था। उसने अपने ही बेटे और विष्णु के भक्त प्रहलाद को मारने का प्रयास किया, लेकिन वह हर बार विफल साबित हुआ। आखिरकार हिरण्यकश्यप के आतंक का अंत करने के लिए भगवान विष्णु को नरसिम्हा का अवतार लेना पड़ा। और आखिरकार हिरण्यकश्यप के आतंक का अंत हुआ और विष्णु भक्त प्रहलाद की जीत हुई।