एक चतुर नार रिव्यू: दमदार हैं दिव्या खोसला और नील नितिन की एक्टिंग, जबरदस्त कमबैक
Film Review: एक चतुर नार फिल्म की कहानी में भले ही कोई नयापन नहीं है, लेकिन इसे बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है। 21 साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रही दिव्या खोसला कुमार ने यह साबित किया है कि उनके वापसी जाया नहीं है। वह दमदार अभिनय करते हुए नजर आई हैं। नील नितिन मुकेश भी लंबे समय के बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं, उन्होंने भी जबरदस्त एक्टिंग से अपनी बेहतरीन वापसी का संकेत दिया है।
एक चतुर नार फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन करेगी, यह आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन यह कहा जा सकता है कि फिल्म से दिव्या खोसला और नील नितिन मुकेश को फायदा जरूर होगा, क्योंकि बॉलीवुड में दो ऐसे कलाकारों की वापसी हुई है, जो काफी समय से फिल्मों से दूर रहे।
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कहानी: फिल्म एक चतुर नार की कहानी ममता (दिव्या खोसला) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सिंगल मदर है और एक खडूस सास के साथ रहती है। अपनी आजीविका चलाने के लिए वह स्टेशन पर काम करती है। बाहर से तो वह बहुत शांत और कमजोर महिला दिखती है, लेकिन उसके अंदर एक मजबूत महिला छिपी हुई है। उसकी जिंदगी में तब बड़ा बदलाव आता है जब उसकी मुलाकात अभिषेक (नील नितिन मुकेश) से होती है। अभिषेक कॉरपोरेट खिलाड़ी है। जिसका सरकारी लेनदेन का व्यापार है। उसका फोन ट्रेन में खो जाता है। उसी के बाद असली कहानी शुरू होती है। क्योंकि जिसे फोन मिलता है, ममता उसे जानती है। क्या अभिषेक को फोन वापस मिलता है? ममता और अभिषेक की केमिस्ट्री कैसी है? फिल्म के क्लाइमेक्स में क्या होता है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगा।
एक्टिंग: फिल्म में दिव्या खोसला और नील नितिन मुकेश ने जबरदस्त एक्टिंग का परिचय दिया है, तो वहीं सहायक कलाकारों के रूप में छाया कदम ने खडूस सास की भूमिका बेहतरीन तरीके से निभाई है। इंस्पेक्टर त्रिलोकी के किरदार में सुशांत सिंह ने अच्छा अभिनय किया है। वहीं जाकिर हुसैन हमेशा की तरह अपनी एक्टिंग को जीते हुए नजर आए हैं। उन्होंने एक भ्रष्ट राजनेता की भूमिका बड़े ही सहजता से निभाई है।
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डायरेक्शन: उमेश शुक्ला ने एक चतुर नार फिल्म को डायरेक्ट किया है, फिल्म में डायरेक्शन ठीक-ठाक है, लेकिन इसे और बेहतरीन बनाया जा सकता था, लेकिन फिर भी अगर आप सिर्फ कहानी पर ध्यान देंगे तो डायरेक्शन की कमी आपको नहीं खलेगी।
संगीत: फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है, वहीं गीत संगीत भी बेहतरीन है। अमर मोहिले ने फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर तैयार किया है, तो वहीं फिल्म के गाने में वायु और शरण रावत ने संगीत दिया है फिल्म के गाने बहुत दिलचस्प नहीं है लेकिन आपको पसंद आ सकते हैं।
सिनेमैटोग्राफी: फिल्म की कहानी के आधार पर स्क्रीनप्ले और सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है। फिल्म में किरदार तो कई है लेकिन कई जगह उनका इस्तेमाल कम किया गया। यह कमी आपको खल सकती है, लेकिन फिर भी यह कहा जा सकता है कि छोटी-मोटी कमियों के बावजूद यह एक बेहतरीन फिल्म है जो आपको एक अच्छा सिनेमाई अनुभव दे सकती है।
क्यों देखें फिल्म: फिल्म में जबरदस्त सस्पेंस है जो आपको इंटरटेन कर सकता है। दिव्या खोसला और नील नितिन मुकेश की वापसी पर उनका प्रदर्शन कैसा है यह जानने के लिए आप फिल्म देख सकते हैं। उम्मीद है वापसी के बाद उनका प्रदर्शन आपको भी पसंद आएगा।