
आमिर खान ने बदलवाया था 'रंग दे बसंती' का क्लाइमेक्स
मुंबई: आमिर खान की फिल्म रंग दे बसंती 2006 में रिलीज हुई थी और फिल्म को युवा दर्शकों ने काफी पसंद किया था। इस फिल्म ने चार नेशनल अवार्ड जीते थे। भारत ही नहीं बल्कि यह फिल्म दुनिया भर में पसंद की गई। फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर में भी भेजा गया था मगर यह ऑस्कर में कोई भी अवार्ड जीत पाने में सफल नहीं रही। लेकिन फिल्म को दर्शकों में काफी पसंद किया था।
फिल्म की स्क्रिप्ट लोगों को काफी पसंद आई थी फिल्म में आमिर खान के अलावा आर माधवन, शरमन जोशी, कुणाल कपूर, सिद्धार्थ और सोहा अली खान जैसे कलाकार नजर आए थे। अतुल कुलकर्णी को पहली बार फिल्म में नोटिस किया गया था। रंग दे बसंती के क्लाइमेक्स को लेकर आमिर खान ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। यूट्यूब चैनल सिनेमा एन रील को दिए गए इंटरव्यू में आमिर खान ने बताया की फिल्म का वास्तविक क्लाइमैक्स कुछ ऐसा था कि हम रक्षा मंत्री को मार देते हैं और भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन अलग-अलग शहरों में हमें गोली मार दी जाती है।
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स्क्रिप्ट में फिल्म की कहानी तो काफी अच्छी थी, लेकिन क्लाइमेक्स समझ से परे था, ऐसे में मैंने डायरेक्टर से सवाल किया कि यह लोग क्यों भाग रहे हैं। क्या उन्हें लगता है इन्होंने कुछ गलत किया है। तो उन्होंने कहा हां, वह क्यों भाग रहे हैं? मतलब साफ था कि राकेश ओमप्रकाश मेहरा को भी क्लाइमैक्स को लेकर मन में संशय था।
इसके बाद आमिर खान ने बताया कि क्लाइमैक्स को पूरी तरह से बदल दिया गया। पूरी फिल्म में भगत सिंह की कहानी को दिखाया गया था और रियल लाइफ में भगत सिंह कभी भी भाग नहीं थे। उन्होंने अपनी मर्जी से गिरफ्तारी कबूल की थी और आखिर में रंग दे बसंती के क्लाइमेक्स को बदल दिया गया और बदला हुआ क्लाइमैक्स दर्शकों ने देखा और फिल्म का क्लाइमेक्स एक यादगार क्लाइमैक्स बन गया।






