सनोज मिश्रा (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है। सनोज मिश्रा के खिलाफ एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था, लेकिन अब उसी महिला ने अदालत में यह स्वीकार कर लिया है कि उसकी शिकायत झूठी थी।
दरअसल, महिला ने हाई कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करते हुए बताया कि वह सनोज मिश्रा के साथ सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी और शिकायत उनके विरोधियों के बहकावे में आकर की थी। महिला के इस बयान के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला 30 मार्च को शुरू हुआ था, जब सनोज मिश्रा को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 354C (वॉयुरिज्म), 313 (गर्भपात कराने के लिए मजबूर करना), 323 (चोट पहुंचाना) और 506 (धमकी देना) के तहत गिरफ्तार किया गया था। आरोप लगाया गया था कि उन्होंने हीरोइन बनने की चाह रखने वाली एक लड़की के साथ कई बार शारीरिक शोषण किया और उसे ब्लैकमेल भी किया।
हालांकि, सनोज मिश्रा ने शुरू से ही अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया और कहा कि दोनों के बीच सहमति से संबंध थे। अब महिला ने भी कोर्ट में यही बात मानी है। दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस गिरीश कथपालिया की स्पेशल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। आमतौर पर फूल कोर्ट रेफरेंस के दिन कोई सुनवाई नहीं होती, लेकिन आरोपी की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने इस केस की विशेष सुनवाई की।
कोर्ट ने दिए सख्त आदेश
सरकारी वकील ने भी कोर्ट को बताया कि जांच में यह सामने आया है कि महिला की शिकायत झूठी थी। इसके बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला दर्शाता है कि समाज में झूठी यौन शोषण की शिकायतों का चलन बढ़ता जा रहा है, जो न केवल निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि असली पीड़ितों के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है। हालांकि, कोर्ट ने ये भी साफ कहा कि ऐसी झूठी शिकायतों से सख्ती से निपटना जरूरी है, ताकि न्याय प्रणाली में भरोसा बना रहे।