रीमेक की वजह से दम तोड़ रहा है बॉलीवुड!
मुंबई: दुनिया भर में जब फिल्म की शुरुआत हुई तो सभी देशों ने बेहतरीन कहानियों पर काम किया। वक्त के साथ-साथ सिनेमा का फ्लेवर भी बदलता रहा। पुराने वक्त में बॉलीवुड में बेहतरीन कहानियों पर काम किया गया। लेकिन आज जिस तरह से बॉलीवुड में साउथ की फिल्मों के रीमेक का चलन चल रहा है यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या बॉलीवुड में अब असली कहानियां खत्म हो गई है, बेहतरीन कहानियों पर अब फिल्म दर्शकों को देखने नहीं मिलेगी, इसी बीच ऑस्कर के लिए भेजी जाने वाली फिल्म का चुनाव और अनुराग कश्यप का बॉलीवुड को छोड़ने का बयान चर्चा में बना हुआ है।
1957 में आई हिंदी फिल्म मदर इंडिया वह पहली फिल्म थी जिसे बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए ऑस्कर में नॉमिनेट किया गया था। फिल्म की कहानी जबरदस्त थी लेकिन फ़िल्म ऑस्कर जीतने में कामयाब नहीं हुई। वहीं नया दौर फिल्म भी ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई थी। लेकिन वह भी अवार्ड जीतने में कामयाब नहीं हुई। दुनिया भर में इन फिल्मों की कहानी की सराहना की गई। 1975 में आई फिल्म शोले ने बॉक्स ऑफिस पर तगड़ा प्रदर्शन किया। फिल्म की कहानी को लोगों ने काफी पसंद किया। इसी तरह 80 और 90 के दशक में भी बेहतरीन कहानी वाली फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया था। मगर अब सिनेमा का चलन बदला हुआ है, साउथ की फिल्मों का रीमेक कर उसे बॉलीवुड के दर्शकों को दिखाया जा रहा है। बेहतरीन कहानियों पर फिल्म बना बहुत कम हो गया है।
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अनुराग कश्यप ने हाल में दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया कि बॉलीवुड में बेहतरीन फिल्में बनना बंद हो गई है। वह मुंबई और बॉलीवुड को छोड़ने का मन बना रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मलयालम सिनेमा की जमकर तारीफ की और बताया कि वहां हर कोई एक दूसरे को सपोर्ट करना चाहता है। वहां मसाला फिल्मों की जगह बेहतरीन कहानी पर आधारित फिल्मों को बनाने का प्रयास किया जाता है। इसी इंटरव्यू के दौरान अनुराग कश्यप ने यह भी कहा कि बॉलीवुड में कभी भी पुष्पा जैसी फिल्म नहीं बन पाएगी। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में एक्टर्स नहीं स्टार्स बन रहे हैं। यहां एक्टर्स के अंदर बहुत एटीट्यूड होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें मौजूदा हिंदी फिल्म के हालात से नफरत हो गई है।
लापता लेडीज फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजा गया था। लेकिन यह फिल्म बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में आखिरी 15 फिल्मों की लिस्ट में भी शामिल नहीं हो पाई। इसको लेकर देश भर में फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के मूवी सिलेक्शन को लेकर खूब आलोचना की गई। हंसल मेहता ने भी इस मामले पर तंज करते हुए कहा कि हमारा फिल्मों का चुनाव करने का तरीका इतना बेहतरीन है यह हम सब देख चुके हैं।
बीते कुछ सालों में बॉलीवुड की फिल्मों पर अगर हम नजर दौड़ाएं तो यहां बेहतरीन कहानी पर आधारित फिल्मों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं रीमेक फिल्मों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और यह यकीनन बॉलीवुड के दर्शकों के लिए चिंता का विषय है।