राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केवल चार दिन शेष रह गए हैं। इस बीच चुनाव प्रचार और आक्रामक होता जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने मतदाताओं से उन लोगों को खारिज करने का आग्रह किया, जिन्होंने पार्टियों एवं परिवारों को तोड़कर और सामाजिक विभाजन पैदा किया है और महाराष्ट्र राज्य की शालीन राजनीति को दूषित कर दिया है।
शनिवार को मराठी समाचार पत्रों में प्रकाशित एक सार्वजनिक अपील में शरद पवार ने कहा कि राज्य का गौरव बहाल करना समय की मांग है। उन्होंने लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं की निरंतरता, कृषि संकट, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और रोजगार के घटते अवसरों को 23 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाले मुद्दों के रूप में रेखांकित किया।
शरद पवार ने आरोप लगाया कि महायुति के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जिसने मुंबई में प्रवेश करने वाले वाहनों पर शुल्क माफ करने के शिंदे सरकार के फैसले में खामियां पैदा कीं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में टोल (भ्रष्टाचार) कब और कैसे रुकेगा.. राज्य सचिवालय के पास सरकारी बंगले भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ दलों (भाजपा, शिवसेना और अपने भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा) पर सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति में संलिप्त होने का आरोप लगाया। कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है, बेरोजगारी बढ़ रही है और फसलों के लिए उचित मूल्य न मिलने के कारण कृषि संकट बढ़ रहा है।
शरद पवार ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र एक सुसंस्कृत, प्रगतिशील, मजबूत और स्वाभिमानी राज्य है। इसने न केवल राष्ट्र को रास्ता दिखाया, बल्कि संकट के समय उसके साथ खड़ा रहा। हालांकि, मौजूदा शासक दिल्ली के हाथों के प्यादे बन गए हैं।”
महायुति नेताओं पर राज्य के प्रतीकों जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, जिनकी प्रतिमा इस साल अगस्त में ढह गई थी, तथा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अपमान करने पर अमादा होने का आरोप लगाया। पवार ने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन एक व्यक्ति ने सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले के विवाहित जीवन पर अपमानजनक टिप्पणी की। भ्रष्टाचार के कारण ही (तटीय सिंधुदुर्ग जिले में) शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई।
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पवार ने महायुति के वादों और जमीनी हकीकत के बीच विरोधाभास को उजागर करते हुए दावा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 67,000 मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में लगभग 64,000 महिलाएं और लड़कियां लापता हुई हैं, जिसमें नागपुर भी शामिल है, जो राज्य के गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) का गृह क्षेत्र है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि किसान अपनी फसलों को जोखिम के कारण परेशान हैं। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन और कपास महत्वपूर्ण फसलें हैं। हालांकि, किसान उच्च लागत से परेशान हैं, जिसके चलते वे आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
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सतारा में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग (महाराष्ट्र के शासन में) बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग बदलाव चाहते हैं और वे बदलाव लाएंगे। वे महा विकास आघाडी के साथ खड़े होंगे।
–एजेंसी इनपुट के साथ