
नाना पटोले (सौजन्य-एएनआई)
भंडारा: साकोली निर्वाचन क्षेत्र भंडारा जिले की चर्चित विधानसभा है। इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले चुनाव लड़ रहे हैं। साकोली से लेकर पूरे विदर्भ में यह संदेश प्रसारित किया गया है कि नाना पटोले राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।
इससे क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि साकोली में नाना पटोले विधानसभा का नहीं बल्कि मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ रहे हैं। नाना को चुनौती देने के लिए भाजपा ने भी ओबीसी चेहरा अविनाश ब्राह्मणेकर को उतारा है, लेकिन भाजपा के बागी सोमदत्त करंजेकर ने निर्दलीय मैदान में उतरकर खेल कर दिया है।
साकोली विधानसभा क्षेत्र आमतौर पर कभी किसी एक राजनीतिक पार्टी का गढ़ नहीं रहा। यहां जनसंघ से लेकर भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई बराबरी की रही है। लेकिन नाना पटोले ने दो बार चुनाव जीतकर इसे अब अपना गढ़ बना लिया है। पटोले खुद एक बार 2009 में भाजपा के टिकट पर इस सीट से विधायक रह चुके हैं।
उसके बाद 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नाना ने भाजपा के परिणय फुके को धूल चटाया था। पटोले को 95,208 यानी कुल मतदान का 41.63 प्रतिशत वोट मिला था जबकि फुके को 88,968 वोटों से संतोष करना पड़ा था। लाखनी बाजार के राजू करवारे कहते हैं कि इस बार भाजपा अपने मजबूत संगठन की बदौलत इस सीट को फिर से हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
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लेकिन, भाजपा के ही बागी सोमदत्त करंजेकर निर्दलीय ताल ठोंककर लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे है। किराना व्यवसायी दीपक झाड़े कहते हैं कि ऐसी स्थिति में दो की लड़ाई में तीसरे की जीत की संभावना बनती दिखाई दे रही है।
साकोली हिंदु बहुल क्षेत्र है, पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या 22 फीसदी से अधिक है। वहीं, 17% मतदाता अन्य धर्मावलंबी है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 3 फीसदी है। साकोली विधानसभा में 80 प्रतिशत ग्रामीण मतदाता हैं। इसलिए यहां सड़क, बिजली और पानी का भी मुद्दा है।
साकोली में बीएचईएल यानी भेल प्रोजेक्ट केंद्र में यूपीए सरकार के समय से ही प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक कागज पर ही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,07,927 है। इसमें पुरूष मतादाता कुल 1,64,102 है तो वहीं महिला मतदाता कुल 1,64,374 हैं।
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