रामदास आठवले (सोर्स-सोशल मीडिया)
नागपुर: दलित पैंथर की स्थापना से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में 5 दशक से अधिक सक्रिय रहे आरपीआई रामदास आठवले गुट के राष्ट्रीय संगठक भूपेश थुलकर ने आठवले का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने अपनी सदस्यता व पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आठवले को भेजे अपने इस्तीफा में लिखा है कि पार्टी नेतृत्व व कार्यकर्ताओं का भाजपा की ओर से लगातार अपमान हो रहा है।
अब आरपीआई विचारों के उम्मीदवार का प्रचार करने के लिए स्वतंत्र हूं, भाजपा-महायुति के खिलाफ प्रचार करूंगा। थूलकर जैसे वरिष्ठ नेता के आठवले का साथ छोड़ देने से तगड़ा झटका लगा है। राज्य में अनेक भागों में आठवले गुट के पदाधिकारियों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू है। नागपुर में भी कुछ दिनों में अनेक पदाधिकारी पार्टी छोड़ सकते हैं।
2 दिन पूर्व ही थुलकर ने महायुति में आरपीआई को एक भी सीट नहीं मिलने पर नाराजी जताई थी। विदर्भ के पार्टी पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया था। उसी समय पदाधिकारियों ने महायुति का प्रचार नहीं करने की घोषणा की थी। आरोप लगाया था कि भाजपा के साथ गठबंधन के संदर्भ में हुए करार का भाजपा ने कभी पालन ही नहीं किया।
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अब तो भाजपा आरपीआई व उसके नेतृत्व का भी सम्मान नहीं करती। थुलकर ने आठवले को भेजे पत्र में लिखा कि ऐसा लगता है कि आप महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं को सत्ता में अवसर व सम्मान दिलाने का प्रयत्न करते हैं लेकिन भाजपा आरपीआई को राज्य में अवसर नहीं देना चाहती।
थुलकर ने कहा कि ऐसे हालातों और कार्यकर्ताओं के असंतोष को देखते हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार नहीं करने का निर्णय लिया है। प्रेस-परिषद में उन्होंने कहा कि मैंने अपना निर्णय लिया है और कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को अपना निर्णय लेना है। मैंने किसी से चर्चा नहीं की।
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