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मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी महाभारत के लिए कुरुक्षेत्र सज चुका है। इस सियासी समर में योद्धाओं के चुनावी मैदान में उतरने से पहले महाविकास अघाड़ी के अंदर महाभारत का दौर जारी है। सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना यूबीटी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। इस बीच शिवसेना के सूत्रों के हवाले से आई एक ख़बर ने भूचाल ला दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी में अब तक शीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं हो पा रहा है। एक तरफ महाविकास अघाड़ी यह दावा ज़रूर कर रही है कि सब कुछ तय हो गया है और एक दो दिन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। लेकिन अंदरखाने की हलचल कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
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सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ने रामटेक और अमरावती लोकसभा की सीटें कांग्रेस को दिए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन उसके बदले शिवसेना विदर्भ में 3 सीटें चाहती है। जिस पर कांग्रेस भी अपना दावा ठोंक रही है। कहा जा रहा कांग्रेस विदर्भ से शिवसेना को तीन सीटें देने के मूड में नहीं है।
कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के बीच सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुए इस विवाद को सुलझाने में शरद पवार अहम भूमिका निभा सकते हैं। शरद पवार को एमवीए का सूत्रधार कहा जाता है। उनकी सियासी समझ को भी सबसे अव्वल माना जाता है। इसलिए राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि वह इस विवाद को सुलझा देंगे।
दूसरी तरफ महायुति में भी अभी सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। लेकिन बीजेपी ने रविवार को 99 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि महायुति में कुछ ही सीटों पर द्वंद की स्थिति है बाकी सीटों को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है।
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है। वहीं, चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। शिवसेना और एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद महाराष्ट्र में यह पहला चुनाव होने जा रहा है। यही वजह है कि इस बार के चुनावी रण के ज्यादा दिलचस्प माना जा रहा है। अब देखना अहम होगा कि जनता इस बार किसे महाराष्ट्र की सत्ता सौंपती है।
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