
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग आज
मुंबई: महाराष्ट्र में आज बुधवार को राज्य के कुल 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। इस चुनाव में शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं की साख दांव पर लगी है। महाराष्ट्र में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प है। जहां दो बड़ी पार्टियों एनसीपी और शिव सेना में टूट के बाद यह चुनाव नकली के खिलाफ असली की जमीन तलाशने की लड़ाई है।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, जिसमें कांग्रेस तीसरी महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। वहीं एनसीपी और शिवसेना भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति के साथ गठबंधन में महत्वपूर्ण सहयोगी हैं।
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बता दें कि इस बार बीजेपी कुल 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 81 सीटों पर चुनावी मुकाबला कर रही है। वहीं, अजीत पवार गुट वाली एनसीपी ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। महायुति गठबंधन को कड़ी टक्कर देने के इरादे से गोलबंद हुई विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस कुल 101 सीटों पर अपनी उम्मीदारी पेश की है, जबकि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने 95 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) ने 86 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प बात ये है कि यहां 50 से अधिक ऐसी सीटें हैं जहां दोनों शिवसेना के उम्मीदावारों को बीच सीधी टक्कर है। जबकि 37 निर्वाचन क्षेत्रों में चाचा शरद और भतीजे अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवार एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। बुधवार को होने वाले चुनाव को लेकर राज्य की जनता की निगाहे नतीजों पर होगी, क्योंकि इस दिन यह साफ हो जाएगा की राज्य में कौन असली और कौन नकली है।
लोकसभा चुनाव के बाद अब चाचा-भतीजे की लड़ाई पश्चिमी महाराष्ट्र में सबसे तीखी है, जो एक समृद्ध क्षेत्र है जहां पवार वंश की जड़ें हैं। राज्य के चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने ‘विश्वासघातियों को हराने’ की अपील की है। साफ है कि उनका इशारा भतीजे अजीत पवार और उनके प्रत्याशियों की तरफ है। बदले में भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज किया है। लोकसभा चुनाव में एनसीपी (एसपी) ने एनसीपी की एक सीट के मुकाबले आठ सीटें जीती थीं. वहीं शिव सेना (यूबीटी) नौ सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि सात सीटों पर एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना को जीत मिली।






