धर्मराव बाबा आत्राम, भाग्यश्री आत्राम, हनुमंतू मड़ावी व राजे अंबरीशराव आत्राम
गड़चिरोली: गड़चिरोली जिले का ही नहीं संपूर्ण राज्य का ध्यान अहेरी विधानसभा क्षेत्र पर है। विधानसभा में वोटों के विभाजन पर प्रत्याशी के जीत का गणित निर्भर रहने वाला है। यहां मंत्री धमर्राव बाबा आत्राम को बेटी भाग्यश्री आत्राम ने चुनावी संग्राम में चुनौती दी है। वहीं कांग्रेस के बागी हनुमंतू मड़ावी ने भी महाविकास आघाड़ी का सिरदर्द बढाया है। अहेरी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव के लिए जिले में सर्वाधिक 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
अहेरी विधानसभा सीट से एनसीपी के धर्मरावबाबा आत्राम, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से भाग्यश्री आत्राम, बहुजन समाज पार्टी के रमेश गावडे, मनसे के संदीप कोरेत, प्रहार जनशक्ति पार्टी की निता तलांडी, निर्दलीय दीपक आत्राम, निर्दलीय कुमरम जयराम, निर्दलीय शैलेश गेडाम, निर्दलीय नितीन पदा, निर्दलीय राजे अम्ब्रीशराव आत्राम, निर्दलीय भाग्यश्री लेखामी, निर्दलीय हनमंतु गंगाराम मड़ावी चुनावी मैदान में है।
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2019 के विधानसभा चुनाव में मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने पूर्व मंत्री राजे अम्ब्रीशराव आत्राम को पराजित किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन रहने के बावजूद यहां बीते चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया था।
धर्मरावबाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री आत्राम भी इस वर्ष पिता के खिलाफ चुनाव मैदान में है। जिससे राष्ट्रवादी कांग्रेस के 2 गुटों में वोटों का विभाजन होने वाला है। कांग्रेस के वोट निर्दलीय हनुमंतू मड़ावी तथा भाजपा के वोट निर्दलीय राजे अम्ब्रीशराव आत्राम के खेमें में जाने की संभावना है।
कहा जा रहा है कि संघ तथा बजरंग दल समर्थकों का मनसे के प्रत्याशी संदीप कोरेत को समर्थन रहने वाला है। निर्दलीय दीपक आत्राम को आदिवासी विद्यार्थी संघ का सहयोग मिलने वाला है। कुल अहेरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस व अजित पवार गुट के वोटों का विभाजन होगा है। जिससे प्रचार के शुरूआत में ही प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ता वोटो के गणित में जुटे दिखाई दे रहे है।
अहेरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के हनुमंतू मडावी व भाजपा के राजे अम्ब्रीशराव आत्रम ने बगावत कर चुनाव मैदान में छलांग लगाई है। आवेदन वापस लेने के लिए दोनों दलों के नेताओं ने आह्वान किया था। लेकिन पार्टी का आदेश अमान्य कर वे चुनाव में अपना नसीब आजमा रहे है।
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पार्टी का आदेश अमान्य करते हुए निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने वाले भाजपा के राजे अम्बरीशराव आत्राम व कांग्रेस के हनुमंतू मड़ावी पर पार्टी के वरिष्ठों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे पार्टी का ही उन्हे समर्थ है क्या? ऐसा सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है। वहीं महा विकास अघाड़ी व महायुति के प्रत्याशियों ने नाराजगी व्यक्त की है।