एकनाथ शिंदे, अमित ठाकरे व देवेंद्र फडणवीस (डिजाइन फोटो)
मुंबई: माहिम विधानसभा सीट पर महायुति में अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ बीजेपी राज ठाकरे के बेटे का समर्थन करना चाहती है तो दूसरी ओर एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने यहां अपना उम्मीदवार उतार दिया है। ऐसे में माहिम सीट को लेकर महायुति में अब भी तनाव जारी है। बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को अमित ठाकरे को लेकर बड़ा दिया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि बीजेपी अभी भी माहिम विधानसभा सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे का समर्थन करना चाहती है। लेकिन सत्तारूढ़ शिवसेना भी इस सीट पर चुनाव लड़ रही है।
देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि इसका समाधान ढूंढने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने ज्यादातर बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश करेगी। हालांकि यह भी कहा कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कुछ सीट पर फ्रेंडली फाइट भी होगी।
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने माहिम से मौजूदा विधायक सदा सरवणकर को दिया है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने महेश सावंत को उम्मीदवार बनाया हैं।
बता दें कि राज ठाकरे की पार्टी मनसे, महायुति का हिस्सा नहीं है, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है। राज ठाकरे ने मई में हुए लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन किया था।
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी और सीएक शिंदे के बीच माहिम विधानसभा सीट पर मनसे उम्मीदवार अमित ठाकरे का समर्थन करने पर सहमति बनी थी। राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि ‘‘शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं ने तर्क दिया कि अगर पार्टी माहिम में चुनाव नहीं लड़ती है, तो उसके मतदाता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की ओर चले जाएंगे। भाजपा अमित का समर्थन करने के लिए तैयार थी और अभी भी अपने रुख पर अडिग है।”
इस असमंजस को लेकर देवेन्द फडणवीस ने कहा कि महायुति के सभी नेता मिलकर इसका समाधान निकालेंगे। फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य में हर प्रमुख राजनीतिक दल विधानसभा चुनावों में बागियों से मिल रही चुनौती का सामना कर रहा है। फडणवीस ने कहा कि भाजपा अपने अधिकतर बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश करेगी।
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मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आरोप लगाया कि उनके करीबी सहयोगी और तत्कालीन गृह मंत्री आरआर पाटिल ने कई करोड़ रुपए के कथित सिंचाई घोटाले में उनके खिलाफ खुली जांच का आदेश देकर उनकी पीठ में छुरा घोंपा है। पवार ने दावा किया कि जांच आदेश से संबंधित पाटिल की टिप्पणियों का उल्लेख करने वाली एक फाइल उन्हें 2014 में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री बनने के बाद दिखाई थी।
अजित पवार की टिप्पणी पर फडणवीस ने कहा कि ‘‘यह सच है कि अजित पवार के खिलाफ जांच उस वक्त शुरू हुई थी जब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। हालांकि, मैं आरआर पाटिल के फैसले पर कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि उनका निधन हो चुका है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)