बाला नांदगांवकर व देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का मंच तैयार हो चुका है। नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन था। सभी पार्टियों और गठबंधनों ने अपने-अपने सेनापतियों को रणभूमि में तैनात कर दिया है। सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में सीट बंटवारे की रस्साकशी अंतिम समय तक चली। बावजूद इसके कई सीटों पर विवाद अब भी जारी है। कुछ सीटों पर गठबंधनों के दाे या सभी दलों ने फ्रेंडली फाइट के नाम पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए है। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
मुंबई की शिवडी विधानसभा सीट पर महायुति के किसी भी दल ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। यह सीट ठाकरे परिवार के वर्चस्व वाली सीट मानी जाती है। यहां उद्धव ठाकरे के साथ-साथ राज ठाकरे की भी अच्छी पकड़ है। ऐसे में इस बार महायुति ने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के उम्मीदवार को समर्थन करने का फैसला लिया है।
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शिवडी विधानसभा सीट से राज ठाकरे की मनसे ने बाला नांदगांवकर को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी इस सीट पर बाला नांदगांवकर का समर्थन करेगी। इस वजह से शिवसेना का गढ़ होने के बावजूद एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है।
वहीं महाविकास अघाड़ी में शामिल उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने शिवडी विधानसभा सीट से मौजूद विधायक अजय चौधरी को एक बार फिर से टिकट दिया है। अजय चौधरी 2014 से यहां के विधायक है।
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2024 के विधानसभा चुनाव में एक शिवडी में अजय चौधरी बनाम बाला नांदगांवकर की बीच मुकाबला होगा। बताया जाता है कि दोनों ही उम्मीदवारों की इस सीट पर अच्छी पकड़ है। इससे पहले 2014 में भी इन दोनों के बीच मुकाबला हो चुका है। जिसमें अजय चौधरी ने बाजी मारी थी।
2009 में शिवडी से विधानसभा सीट से बाला नांदगांवकर ने मनसे के टिकट पर चुनाव जीता था। उन्होंने शिवसेना के दगडु सकपाल को 6463 वोटों से हराया था। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने अजय चौधरी को मैदान में उतारा। इस बार बाला नांदगांवकर काे हार सामना करना पड़ा था।